नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की अपील पर कर्नाटक हाई कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। सुबह 11 बजे जस्टिस कुमारस्वामी निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली जयललिता की अपील पर अपना फैसला सुनाएंगे। करीब 19 साल पुराने इस मामले के फैसले पर जयललिता का राजनितिक भविष्य टिका हुआ है।
पूरे तमिलनाडु में अम्मा के समर्थक पूजा, पाठ और हवन करवा रहे हैं ताकि उनकी नेता बरी हो जाए और फिर से सीएम बन जायें।
पिछले साल 27 सितम्बर को निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले जयललिता को दोषी ठहराया, जिसके बाद उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी और उनके विश्वास पात्र पन्नीरसेल्वम को सीएम नियुक्त किया गया।
फिलहाल जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली हुई है। जिसकी मियाद 12 मई को खत्म हो जाएगी ऐसे में अब सबकी निगाहें कर्नाटक हाई कोर्ट पर टिक हुई हैं।
अभियोजन पक्ष के वकील बी.वी. आचार्य का कहना है कि, "निचली अदालत का फैसला पूरी तरह सही और तथ्यों पर आधारित है इसीलिए वे उम्मीद कर रहे हैं कि हाई कोर्ट भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखेगा।"
आचार्य ने कहा कि, "अगर निचली अदालत का फैसला निरस्त हो जाता है तो अम्मा के फिर से CM बनने का रास्ता साफ़ हो जाएगा और अगर सजा बरकरार रहती है तो फिर जयललिता और मामले के दूसरे आरोपियों शशिकला, सुधाकरण और इलावरसी को निचली अदालत में सरेंडर करना होगा और सभी की गिरफ्तारी हो सकती है हालांकि इन सबके पास जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है.."
जयललिता को 4 साल की कैद और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी
संदीप पाटिल, DCP सेंट्रल बेंगलुरु ने कहा कि, "अम्मा पर आने वाले फैसले को देखते हुए बेंगलुरु पुलिस ने सुरक्षा के ख़ास इंतजाम किये हैं, हाई कोर्ट के चारों ओर 1 किलोमीटर के दायरे में सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे तक धारा 144 लगाने का आदेश जारी किया गया है, कोर्ट के अंदर सिर्फ वकीलों, मीडियाकर्मियों और कोर्ट स्टाफ को जाने की अनुमति होगी। कोर्ट के आस पास जश्न मनाने या फिर विरोध प्रदर्शन की किसी को भी इजाजत नहीं होगी.."