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जांच पूरी होने तक पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों को नहीं मिलेगा मुआवजा: येदियुरप्पा

कर्नाटक के मंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए 2 व्यक्तियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 26, 2019 7:48 IST
Mangaluru police firing, Mangaluru police firing victims, Karnataka government withdraws ex-gratia, - India TV Hindi
Karnataka government withdraws ex-gratia to kin of Mangaluru police firing victims | PTI

मंगलुरु: कर्नाटक के मंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए 2 व्यक्तियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। इसके कुछ दिन बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि यदि दोनों दंगों में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदान नहीं की जाएगी। येदियुरप्पा ने मंगलुरु में कहा कि जांच में यदि यह साबित हो गया कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 19 दिसंबर के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में दोनों की संलिप्तता थी तो सरकार उनके परिवारों को एक रुपया भी नहीं देगी।

येदियुरप्पा प्राथमिकी में दोनों के नाम आने के बाद अनुग्रह राशि दिए जाने का विरोध किए जाने के मद्देनजर अनुग्रह राशि पर सरकार के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। घटना के तत्काल बाद सरकार ने नौशीन (23) और जालिल कुदरोली (49) के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी जो प्रदर्शनों के दौरान हुई पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे। हिंसा के बाद तटीय नगर में 3 दिन के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। यद्यपि बाद में राज्य के मंत्रियों सहित कुछ बीजेपी नेताओं ने मृतकों के परिवरों को मुआवजा प्रदान करने पर आपत्ति की थी और कहा था कि मृतकों को मामले में आरोपी बनाया गया है।

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पुलिस की फायरिंग में नौशीन और जलील की मौत हो गई थी। PTI

FIR के अनुसार जालिल और नौशीन सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा थे और उन्हें क्रमश: आरोपी नम्बर 3 और 8 है। प्रदर्शनों में कथित भूमिकाओं के लिए FIR में कुल 77 व्यक्तियों के नाम हैं। येदियुरप्पा ने कहा, ‘यह आम विचार है कि उन्हें मुआवजा देना अनुचित होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई आरोप हैं और अब इसके सबूत सामने आ रहे हैं कि वे हिंसा में लिप्त होने वालों में शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने शहर में धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया जबकि संगठनों को 19 दिसम्बर को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी। उपद्रव बढ़ने पर पुलिस गोली चलाने को बाध्य हुई थी।

इससे पहले केरल के निजी दौरे के बाद वापस आए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने हिंसक घटनाओं और गोलीबारी में 2 व्यक्तियों की मौत को लेकर यहां दक्षिण कन्नड़ जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात में और बुधवार सुबह बैठक की। शहर के हिंसा से प्रभावित होने के बाद येदियुरप्पा का शहर का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले येदियुरप्पा ने शनिवार को दोनों पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और ईसाई, मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों से बैठक के बाद शांति की अपील की थी।

येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा, ‘हमने पुलिस गोलीबारी में मारे गए व्यक्तियों के परिजन को अनुग्रह राशि देने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है क्योंकि अपराधियों को अनुग्रह राशि देना अपने आप में अक्षम्य अपराध है।’ उन्होंने कहा,‘पहले सरकार ने अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया था लेकिन अब हमने इस पर फिलहाल रोक लगा दी है और जांच पूरी होने तक एक भी पैसा नहीं दिया जाएगा।’ राज्य सरकार ने 19 दिसम्बर की हिंसा की एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को दंगा करने वालों की पहचान करने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। 

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इलाके में शांति स्थापित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। PTI

येदियुरप्पा ने कहा कि हिंसा षड़यंत्र था और पुलिस पर जो पत्थर फेंके गए वह एक आटोरिक्शा ट्रॉली में लाकर वहां डाले गए थे। उन्होंने कहा कि लोगों ने पुलिस थाने के शस्त्रागार में घुसने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘हम किसी को नहीं बख्शेंगे।’ उन्होंने उनकी सरकार पर ‘निराधार’ आरोप लगाने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, ‘जब दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता है, विपक्षी सदस्य इसी प्रकार की बात करते हैं। उनके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे ऐसे गैरजिम्मेदार बयान देते हैं। साक्ष्य आगजनी और हिंसा में उनकी संलिप्तता स्पष्ट तौर पर दिखाते हैं।’ वह विपक्ष द्वारा उन पर और गृह मंत्री बसवराज बोम्मई पर पुलिस गोलीबारी का आरोप मढ़ने के बारे में पूछे गए एक सवाल का उत्तर दे रहे थे। 

इस बीच कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें पुलिस कथित रूप से प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती दिख रही है और पार्टी ने इसे ‘अमानवीय’ करार दिया। यह पुलिस द्वारा कुछ वीडियो क्लिप जारी किये जाने के एक दिन बाद आया जिसमें प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से आटो ट्रॉली में पत्थर लाते और उसे कर्मियों पर फेंकते और सीसीटीवी कैमरे तोड़ने का प्रयास करते दिखाया गया है। (भाषा)

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