बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को भरपूर ड्रामा देखने को मिला। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार का भविष्य तय करने वाले विश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को विधानसभा में मतदान नहीं हो सका। दरअसल, सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी बीजेपी सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप व हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता येदियुरप्पा ने इसे विश्वासमत में देरी करने का नाटक बताया और इसके बाद वह बीजेपी विधायकों के साथ विधानसभा से बाहर ही नहीं निकले।
सुबह नाश्ता लेकर पहुंचे उपमुख्यमंत्री
बीजेपी विधायकों ने सदन में ही रात भर धरना दिया। पार्टी के विधायक तकिया और चादर लेकर पहुंचे और जहां जगह मिली वहीं तनकर सो गए। विधानसभा के अंदर कुछ विधायक सोफे पर सोए नजर आए, तो कुछ जमीन पर पसरे हुए दिखाई दिए। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी जमीन पर ही सोए थे। हालांकि सुबह उस समय बीजेपी नेताओं के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर उनके लिए नाश्ता लेकर पहुंचे। इसके बाद वहां हल्का-फुल्का माहौल देखने को मिला।
परमेश्वर ने कहा- यह लोकतंत्र की खूबी
परमेश्वर ने रातभर सदन में धरना देने वाले बीजेपी विधायकों से उन्होंने मुलाकात की। नाश्ता लेकर पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'वे (बीजेपी विधायक) रातभर विधान सौंद में धरने पर रहे। ऐसे में उनके लिए खाने और दूसरी चीजों की व्यवस्था करना हमारा कर्तव्य है।' उन्होंने कहा कि कई मुख्यमंत्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी हैं, उनके लिए भी पूरा बंदोबस्त किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति के अलग हम दोस्त हैं और यही बात लोकतंत्र की खूबी भी है।