बेंगलुरु। बागी विधायकों के बिना किसी निहित स्वार्थ स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले बयान को लेकर उन पर निशाना साधते हुए जद(एस) विधायक ए टी रामास्वामी ने सोमवार को उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो वे घोषणा करें कि भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कांग्रेस और जद(एस) विधायकों को 10 जुलाई को यहां आने पर “जीरो ट्रैफिक” (खुला रास्ता) की सुविधा दिये जाने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को अपना इस्तीफा देने सड़क मार्ग से विधानसभा आए थे।
सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद उपजे संकट के बीच शुक्रवार को विश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस्तीफा देने वालों में 13 कांग्रेसी और तीन जद(एस) विधायक थे। एक कांग्रेसी विधायक ने हालांकि बाद में इस्तीफा वापस ले लिया था।
रामास्वामी ने कहा, “इस्तीफा देने वाले विधायक अगर कहते हैं कि उनका कोई निहित स्वार्थ और लालच नहीं है तो उन्हें यह घोषित करने दीजिए कि वे भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे।”
मुंबई से 10 जुलाई को यहां आए और इस्तीफा सौंपने के बाद वापस गए बागी विधायकों को कथित तौर पर बिल्कुल खुला रास्ता मुहैया कराने का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने गृह मंत्री एम बी पाटिल से जानना चाहा कि कैसे यह “विशेष सुविधा” उन्हें उपलब्ध कराई गई जबकि कानून में ऐसा कोई “प्रावधान नहीं” है। इस पर दखल देते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुमार ने मंत्री से इस पर स्पष्टीकरण मांगा।
इसके जबाव में पाटिल ने बागी विधायकों के आवागमन के लिये “खुला रास्ता” मुहैया कराने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “हमनें जीरो ट्रैफिक उपलब्ध नहीं कराया। राज्यपाल ने क्योंकि पुलिस को उन्हें (बागी विधायकों को) पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया था, उन्हें सिर्फ सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। उन्हें एचएएल हवाईअड्डे से पहुंचने में 40 मिनट का वक्त लगा था।” जवाब से असंतुष्ट रामास्वामी ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे “खुला रास्ता” मुहैया कराया गया और आरोप लगाया कि मंत्री ‘भ्रामक’ जानकारी दे रहे हैं।