बेंगलुरू। कर्नाटक मंत्रिमंडल से हटाये जाने के बाद कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे रमेश जरकिहोली ने सोमवार को संकेत किया कि वह विधानसभा की सदस्यता छोड़ देंगे और अगले चार दिनों में अपनी योजना सार्वजनिक करेंगे । एक स्थानीय टीवी चैनल ने रविवार को रमेश की फोन पर हुई बातचीत सुनाया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दे देंगे। इससे इस बात को बल मिला है कि वह पाला बदल कर भाजपा में जा सकते हैं।
जरकिहोली ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कल आपने टीवी देखा, मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं। कब, क्यों- यह सब मैं (समर्थकों के साथ) चर्चा करूंगा और तब फैसला करूंगा। मैं अधिक नहीं बोलूंगा....आपने मेरे फोन पर हुई बातचीत के बारे में हो कुछ भी सुना है, मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं ।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे चार दिन का समय दीजिए । मैं अपने निर्णय के बारे में राज्य की जनता को सूचित करूंगा । आपके साथ बातचीत करने के लिए मेरे पास बहुत कुछ है ।’’ जरकिहोली ने बताया कि वह किसी भी पार्टी नेता से नहीं मिलेंगे। यह पूछने पर कि आपके साथ कितने विधायक हैं, उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘मैं आपको यह क्यों बताऊं । मुझे आपको कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है ...मुझसे मत पूछो ।’’
कांग्रेस विधायक तथा स्थानीय निकाय मंत्री रमेश जरकिहोली और निर्दलीय विधायक तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री आर शंकर की भाजपा के साथ कथित रूप से बढ़ती नजदीकियों के कारण उन्हें शनिवार को एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस जदएस गठबंधन सरकार से हटा दिया गया था और आठ नये मंत्रियों को शामिल किया गया था ।