मैसूर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि मंत्रिपरिषद विस्तार और विभागों के आवंटन को लेकर कोई भ्रम नहीं है और अगर किसी के पास कोई मुद्दा है तो वह उनसे बात करेंगे तथा इसे हल करेंगे। मंत्री पद के कई दावेदारों को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं करने और पार्टी के भीतर असंतोष की खबरों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिपरिषद का विस्तार खास परिस्थिति में किया गया।
बोम्मई ने कहा, ‘‘(विभागों के आवंटन को लेकर) कोई भ्रम नहीं है। आनंद सिंह (असंतुष्ट मंत्री) कल आए थे, मैंने उनसे बात की। मैंने उन्हें कई बातें बताई हैं, वह संतुष्ट हैं। मैं एक दो दिनों में उन्हें फोन करूंगा और एक बार फिर उनसे बात करूंगा। किसी भी तरह का कोई भ्रम नहीं है।’’
मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं बनाए जाने पर भाजपा के एस ए रामदास जैसे कुछ नेताओं की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर बोम्मई ने कहा, ‘‘वह एक अच्छे दोस्त हैं, मैं मंत्रिपरिषद विस्तार की प्रक्रिया के दौरान उनके संपर्क में था। मैं उनसे बात करूंगा। वह भी कई मामलों से वाकिफ हैं कि यह (मंत्रिपरिषद विस्तार) कैसे किया गया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता होने के नाते वह जानते हैं कि विशेष परिस्थिति में मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ है। मैं उनसे बात करूंगा और सारी चीजें हल करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह 29 मंत्रियों को शामिल कर मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था और शनिवार को उन्हें विभागों का आवंटन किया गया।
दो मंत्रियों-आनंद सिंह और एम टी बी नागराज ने दिए गए विभागों को लेकर असंतोष प्रकट किया था जबकि कुछ और विधायक भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज बताए जाते हैं। बहरहाल, बोम्मई ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती बी एस येदियुरप्पा के उस अनुरोध को स्वीकार लिया है जिसमें उन्हें कैबिनेट स्तर के मंत्री का दर्जा देने वाले सरकारी आदेश को वापस लेने की मांग की गयी।
सरकार ने येदियुरप्पा को कैबिनेट मंत्री स्तर की सभी सुविधाएं देने का आदेश शनिवार को जारी किया था और कहा गया था कि यह आदेश तब तक प्रभावी होगा जब तक कि बोम्मई मुख्यमंत्री रहेंगे।