सांतेमरनाहल्ली:उडुपी: बेलगावी (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार की धार तेज करते हुए आज कांग्रेस पर ‘‘ईज ऑफ डूइंग मर्डर’’ की संस्कृति शुरू करने को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर बैंकों की कथित ‘लूट’ तथा किसानों एवं युवाओं की अनेदखी का भी आरोप लगाया।
कर्नाटक में अपने प्रचार के दूसरे चरण की शुरूआत करते हुए मोदी ने राज्य में एक के बाद एक तीन रैलियों को संबोधित किया। मोदी ने कर्नाटक की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जदएस की तरफ भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया और इसके शीर्ष नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा का ‘अपमान’ करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। कर्नाटक में अधिकतर चुनाव विश्लेषकों ने त्रिशंकु विधानसभा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। ऐसे में जदएस ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकता है।
PM मोदी ने प्रचार के दौरान हिन्दुत्व कार्ड का भी कुशलता से इस्तेमाल करते हुए कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान राजनीतिक हिंसा में दो दर्जन से अधिक भाजपा कायर्कर्ता मारे गये। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनका क्या अपराध है? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह आपके विचारों का विरोध कर रहे थे, उन्होंने कर्नाटक के लोगों के लिए आवाज उठायी।’’ भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे ‘जेहादी ताकतों’ का हाथ होने और कांग्रेस पर उन्हें बचाने का आरोप लगाती रही है। उन्होंने केन्द्र में सत्तासीन रही विभिन्न कांग्रेस सरकारों पर चंद लोगों को बैंकों की ‘लूट’ की छूट देने और गरीबों को कर्ज नहीं मुहैया कराने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी आज चौतरफा हमला बोला और कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज की पुर्जी की मदद के बिना 15 मिनट बोलने की उन्हें चुनौती दी। उन्होंने चामराजनगर जिले के सांतेमरनाहल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देता हूं कि वह हिन्दी, अंग्रेजी या अपनी माताजी की मातृभाषा में पार्टी की सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज पढ़े बिना, 15 मिनट तक बोलें....कर्नाटक के लोग अपना निष्कर्ष खुद निकाल लेंगे।’’
PM मोदी ने यह बात राहुल गांधी द्वारा उन्हें दी गयी उस चुनौती के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें संसद में भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों पर बोलने दिया जाए तो प्रधानमंत्री 15 मिनट भी बैठ नहीं पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनका 15 मिनट बोलना ही बहुत बड़ी बात होगी। और जब मैंने यह सुना कि मैं 15 मिनट भी नहीं बैठ पाऊंगा तो मुझे लगा, वहां...क्या नजारा होगा? कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमान, हम आपके समक्ष नहीं बैठ सकते। आप नामदार हैं जबकि हम कामदार है। आपके सामने बैठने की हमारी हैसियत नहीं है।’’
राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने उन्हें विश्वेश्वरैया का नाम पांच बार बोल कर दिखाने की चुनौती दी। विश्वेश्वरैया प्रतिष्ठित इंजीनियर विद्वान थे और एक चुनावी रैली में राहुल उनके नाम का उच्चारण करने में लड़खड़ा गये। इस भाषण का वीडियो वायरल हो गया है।
उन्होंने उडुपी की चुनावी रैली में कहा, ‘‘हम कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देना चाहते हैं, उन्होंने (कांग्रेस ने) हत्या की सुगमता की संस्कृति शुरू की है।’’
उन्होंने रैली में भाग लेने आये लोगों से पूछा कि क्या कांग्रेस कर्नाटक एवं देश से खत्म होनी चाहिए या नहीं तथा क्या राजनीतिक हिंसा की मानसिकता का अंत होना चाहिए कि नहीं? रैली के अधिकतर श्रोताओं ने इसके जवाब में ‘‘हां..हां’’ के नारे लगाये।
महात्मा गांधी द्वारा देश की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने पर जोर दिये जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए मोदी ने कहा कि पिछले चार साल से यह पार्टी एक के बाद एक पराजय का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में पार्टी की हार के साथ महात्मा गांधी का ‘आखिरी स्वप्न’ साकार होने लगेगा।
उडुपी में बैंकिंक क्षेत्र में किये गये अग्रणी कार्यो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बावजूद उनकी सरकार के सत्ता में आने तक गरीब बैंकिंग प्रणाली से बाहर ही बने रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक समय था कि गरीबों का बैंक खाता नहीं हुआ करता था। वह बैंक जाने के बारे में नहीं सोच सकते थे। वे अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा और बैंकिंग प्रणाली से बाहर थे। हमने उनके लिए जनधन योजना शुरू की।’’ उन्होंने कहा, ‘पहले कांग्रेस सरकारें चंद लोगों को बैंकों की लूट करने देती थीं किंतु युवाओं, किसानों एवं गरीबों को कर्ज नहीं मिलता था।’
पीएम मोदी ने भाजपा और उससे पहले जनसंघ का उडुपी से गहरा सम्बन्ध होने का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि शहर के लोगों ने किस प्रकार 40 साल पहले भगवा दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। रेत माफिया को संरक्षण देने का कांग्रेस की राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि इसी के चलते उच्च न्यायालय ने इसके खिलाफ टिप्पणी की। उन्होंने सवाल किया, ‘‘ऐसी सरकार जो रेत की भी लूट करती हो, क्या उसे हटना नहीं चाहिए?’’
पीएम मोदी ने इससे पहले फरवरी माह में कर्नाटक में रैली की थी। राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें कुल 15 रैली को संबोधित करना है। कांग्रेस की वंशवादी राजनीति पर हमला बोलते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दो सीटों और उनके पुत्र के एक सीट से चुनाव लड़ने को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने सांतेमरनाहल्ली की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए इसे कांग्रेस की परिवार राजनीति का कन्नड़ संस्करण करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ दिन पहले समाचारपत्र पढ़ रहा था और मैंने पाया की कर्नाटक में दो जमा एक का फार्मूला चल रहा है। यह कुछ और नहीं बल्कि कांग्रेस की पारिवारिक राजनीति का कन्नड़ संस्करण है।’’ उडुपी में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकार पर केंद्र की विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं में रोड़े अटकाने के आरोप लगाये। ‘‘अटकाना, लटकाना और भटकाना उनके स्वभाव में है।’’? उन्होंने सरकार द्वारा जारी किये गये उस अध्यादेश का भी उल्लेख किया जिसके अनुसार 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को मृत्युदण्ड सहित कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने चिक्कोडी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि सत्ता के बिना कांग्रेस ‘पानी से बाहर निकाली गयी मछली’ की तरह हो जाती है। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उनका संकेत कांग्रेस सरकार द्वारा लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश करने का है, जो पारंपरिक रूप से भाजपा के मतदाता माने जाते हैं।