नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्वाचन आयोग को सौंपी गई कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सबसे ज्यादा 3 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। साल 2019-2020 में कांग्रेस को मिले योगदान राशि की रिपोर्ट को निर्वाचन आयोग ने जारी किया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पार्टी को दिया गया चंदा सिब्बल के योगदान से काफी कम है। वहीं, चंदा देने वालों की लिस्ट में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल है।
कपिल सिब्बल से काफी पीछे हैं बाकी नेता
रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया गांधी ने 50,000 रुपये, जबकि राहुल गांधी ने पार्टी फंड में 54,000 रुपये का योगदान दिया है। पेशे से वकील सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सर्वाधिक योगदान दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिवंगत नेता अहमद पटेल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी फंड में 54,000 रुपये का योगदान दिया। पार्टी को चंदा देने वालों की सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मौसम नूर का नाम भी शामिल है। हालांकि सिंधिया अब भाजपा में चले गए हैं और नूर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम चुकी हैं। पिछले साल मार्च में सिंधिया की बगावत के कारण मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।
आनंद शर्मा और शशि थरूर का नाम भी है शामिल
जैसा कि विदित है कि पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के मुताबिक, सभी राजनीतिक दलों को पार्टी फंड में 20,000 रुपये से अधिक के योगदान की जानकारी निर्वाचन आयोग को देना जरूरी है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को जानकारी दी कि 2019-2020 में उनकी पार्टी को 139 करोड़ रुपये का योगदान मिला जिसमें प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट का 31 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा योगदान है जो मुख्य रूप से भारती एयरटेल द्वारा समर्थित है। बहरहाल, पार्टी को चंदा देने वाले 'जी23' ग्रुप में आनंद शर्मा, शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर का भी नाम शामिल है।