नई दिल्ली: कोरोना वायरस का असर मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर भी पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि कमलनाथ कोरोना की खतरे की वजह से विधानसभा सत्र टलवाने की कोशिश में हैं। 16 मार्च से मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र शुरू होना है और इस सत्र में कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना है। सूत्र कह रहे हैं कि कमलनाथ सत्र को आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं ताकि सरकार का संकट कुछ दिन और टल जाए।
बता दें कि कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे राज्यसभा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को भाजपा के हवाले करने का ऐलान करते हुए इशारों में कहा कि 'कमल नाथ सरकार जाने वाली है।' भाजपा के प्रदेश कार्यालय में गर्मजोशी के साथ हुए स्वागत से गदगद सिंधिया ने भाजपा की रीति-नीति के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों का हवाला दिया।
उन्होंने कमल नाथ सरकार पर संकट होने का इशारा किया और कहा, "किसी दल के अंदर रहकर आलोचना करना मुश्किल होता है। लेकिन मैं सिंधिया परिवार का खून हूं। जो सही है, उसे सही बोलता हूं। 1968 में मेरी दादी को ललकारा था, तब संविद सरकार का क्या हुआ सब जानते हैं। 1990 में मेरे पिताजी के ऊपर झूठे हवाला कांड के आरोप लगाए और जब मैंने अतिथि विद्वानों, किसानों की बात उठाते हुए सड़क पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा कि उतरना है तो उतरो। सिंधिया परिवार को जब ललकारा जाता है तो परिणाम अलग होते हैं।"