नई दिल्ली: दक्षिण के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन मदुरै में आज अपनी नयी राजनीतिक पार्टी की घोषणा के साथ ही तमिलनाडु की सियासत में औपचारिक तौर पर कूदने जा रहे हैं. ग़ौरतलब है कि साउथ के ही एक अन्य सुपरस्टार रजनीकांत पहले ही अपनी पार्टी की घोषणा कर चुके हैं और कहा है कि वे आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
आपको बता दें कि जयललिता के निधन के बाद पिछले कई दशकों से सितारों की प्रभावशाली मौजूदगी वाली तमिल राजनीति में ख़ालीपन आ गया थै. जयललिता तमिल राजनीति मे बेहद सफल रही थी लेकिन अह देखना ये है कि रजनीकांत और कमल हासन क्या वो करिश्मा दिखा पाएंगे? साथ ये भी देखना दिलचस्प होगा कि इन दो सुपर स्टार्स की एंट्री का तमिल सियासत में कैसा असर पड़ता है.
तमिल सियासत में तॉलीवुड
तमिल राजनीति पर तमिल एक्टर्स का काफी दबदबा रहा है. यूं तो तमिल राजनीति में कई स्टारों ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन सफलता दो एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और फिर जयललिता को ही मिली. साउथ की द्रविड़ राजनीति का एक सशक्त चेहरा बनने के बाद एमजीआर की विरासत को जयललिता ने ही आगे बढ़ाया. डीएमके और एआईएडीएमके, दोनों ही द्रविड़ राजनीति के प्रतिनिधि होने का दावा करती हैं. कमल हासन ने भी पार्टी लॉन्च करने से पहले एक कार्यक्रम में कहा, 'द्रविड़ विचारधारा मेरी पार्टी का हिस्सा होगी. मैं श्रेष्ठ महान विचारधाराओं को ढूंढ रहा हूं जो मेरी पार्टी का विजन तैयार करेंगी.' साफ है कि कमल हासन द्रविड़ राजनीति का नया चेहरा बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं. जयललिता के निधन के बाद इसकी संभावना भी नज़र आ रही है.
क्या डीएमके के साथ जाएंगे हासन?
हालांकि कमल हासन ने अबतक अपनी राजनीतिक विचारधारा को पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया है लेकिन एआईडीएमके से अपना विरोध ज़ाहिर कर दिया है. हासन से जब राजनीति में उतरने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा था कि सत्ताधारी एआईएडीएमके बुरी है इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है. राजनीतिक पार्टी की घोषणा से पहले कमल हासन ने रविवार को डीएमके चीफ करुणानिधि से मुलाकात भी की थी. हासन ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि अगर डीएमके उनकी लॉन्च होने वाली पार्टी की विचारधारा से खुद को मिलाती है तो गठबंधन की संभावना पर विचार किया जा सकता है. एआईएडीएमके का खुला विरोध और डीएमके के लिए खुला दिल दिखा कमल हासन अपनी सियासत को लेकर एक संकेत तो दे ही दिया है.
क्या हासन रजनीकांत की भगवा राजनीति का तोड़ हैं?
कमल हासन से पहले रजनीकांत तमिलनाडु की सियासत में सक्रिय हो चुके हैं और उन्हें बीजेपी का खुला समर्थन भी मिल रहा है. तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले राजनीकांत की पार्टी 2019 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होंगे. राज्य बीजेपी रजनीकांत को अपना नैचरल पार्टनर मान रही है. ऐसे में पार्टी की घोषणा से पहले कमल हासन ने अपना भगवा विरोध भी जाहिर कर दिया है. रजनीकांत के साथ सियासी तालमेल के सवाल पर हासन ने कहा था कि 'रजनीकांत की राजनीति में भगवा रंग दिखाई पड़ता है। अगर यह बदलता नहीं है तो मैं उनके साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं देख रहा हूं। हम अच्छे दोस्त हैं लेकिन राजनीति अलग है.'
जयललिता के कमज़ोर होने के बाद एआईएडीएमके के एक गुट को समर्थन देकर बीजेपी तमिल सियासत में अपनी पैठ जमाने में जुटी है. एआईएडीएमके संयोजक और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने पिछले दिनों बयान दिया था कि पीएम मोदी के कहने पर भी उन्होंने पार्टी के पलानिसामी गुट से हाथ मिलाया था.