बेंगलुरु: मध्य प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के करीब 17 विधायक भाजपा शासित राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहुंच गए हैं। ये सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन 17 विधायकों में से 6 के पास मंत्री पद भी है। बताया जा रहा है कि तुलसी सिलावट (मंत्री), गोविन्द सिंह राजपूत (मंत्री), प्रधुम्न सिंह तोमर (मंत्री), इमरती देवी (मंत्री), प्रभुराम चोधरी (मंत्री) और महेन्द्र सिसोदिया (मंत्री) बेंगलुरु में हैं।
सूत्रों का कहना है कि इनके अलावा मुन्ना लाल गोयल (विधायक), गिरिराज दंडोतिया (विधायक), ओपी भदोरिया (विधायक), विरजेंद्र यादव (विधायक), जसपाल जजजी (विधायक), कमलेश जाटव (विधायक), राजवर्धन सिंह (विधायक), रघुराज कंसना (विधायक), सुरेश धाकड़ (विधायक), हरदीप डंग (विधायक) और रक्षा सिरोनिया जसवंत (विधायक) भी बेंगलुरु में ही हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जाए और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान भी उनके हाथों में दी जाए। इसी के मद्देनजर दबाव बनाने की रणनीति के तहत सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने मध्य प्रदेश से बाहर डेरा डाल रखा है।
हालांकि, पार्टी में मचे इस घमासान को लेकर लेकर जब मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सब अफवाह है। होली का त्योहार है, विधायक बेंगलुरु घूमने गए होंगे। जब उनसे ज्योदिरादित्य को राज्यसभा भेजने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सब सोनिया गांधी के हाथों में है।