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खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि BJP ने मेरे लिए अपने दरवाजे खोल दिए: ज्योतिरादित्य सिंधिया

गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचे। यहां भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। सिंधिया ने अपने भाषण में कहा, "मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि भाजपा ने मेरे लिए दरवाजे खोले।"

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 12, 2020 22:22 IST
Scindia- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Jyotiraditya Scindia

भोपाल, गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचे। यहां भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। भाजपा कार्यालय पर अपने भाषण में सिंधिया ने कहा, "आज, यह मेरे लिए बहुत भावुक दिन है। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस परिवार (भाजपा) ने मेरे लिए दरवाजे खोले, और मुझे पीएम मोदी जी, नड्डा साहब और अमित भाई का आशीर्वाद मिला।"

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उन्होंने आगे कहा, "यह मेरे लिए एक भावनात्मक दिन है क्योंकि जिस संगठन और परिवार में मैंने 20 साल बिताए हैं, जिस संगठन में मैंने अपनी मेहनत और प्रयास लगाए हैं, मैं वह सब पीछे छोड़ कर खुद को आपके हवाले कर रहा हूं।"

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एक का मकसद राजनीति होता है, लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूं, चाहे अटल जी हों, चाहे मोदी जी हों, मेरी दादी राजमाता हों या मेरे पूजा पिताजी हो हमारा लक्ष्य जनता की सेवा है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए कुर्सी पद महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए , सम्मान पहचान महत्वपूर्ण है।

उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के बारे में कहा कि साल 2018 में उनसे मुकाबला हुआ, लेकिन आज हम साथ हैं। मनभेद नहीं होना चहिए। विपक्ष में बैठकर में कहा सकता हूं, शिवराज जैसा मेहनती समर्पित कोई नहीं। शिवराज जी आप और मैं एक और एक नहीं 11 हैं।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे कहा कि प्रदेश मे जो हालात हैं उसका उल्लेख नहीं करूंगा। शिवराज जी अपने बाहर से देखा है, मैंने अंदर से देखा है। अंदर रहकर आलोचना करना मुश्किल है। सिंधिया परिवार का खून है  सच बोलता है।

उन्होंने आगे कहा कि साल 1990 में मेरे पिता के साथ क्या हुआ, मैंने मंदसौर की आवाज उठाई, अतिथि विद्वान की बात उठाई, मैंने कहा सड़क पर उतरना पडेंगा तो कहा उत्तर जाओ। मैं सबसे कहना चाहता हूं मैं सिर्फ अपनी मेहनत लेकर आया हूं, जहां आपका एक बूंद पसीना गिरेगा मेरा 100 बूंद गिरेगा।

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