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ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे का ट्वीट, कहा- मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले पर उनके बेटे आर्यमन सिंधिया ने गर्व जताया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 10, 2020 17:13 IST
Aryaman Scindia- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Aryaman Scindia

नई दिल्ली/भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले पर उनके बेटे आर्यमन सिंधिया ने गर्व जताया। आर्यमन सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, "खुद के लिए स्टैंड लेने के लिए मुझे मेरे पिता पर गर्व है। एक विरासत से इस्तीफा देने के लिए साहस चाहिए। इतिहास अपने लिए बोल सकता है जब मैं कहता हूं कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा। वादा है कि हम भारत और मध्य प्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे, चाहे जहां रहें।

वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने पर उनकी बूआ और भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया ने भी प्रतिक्रिया दी। यशोधरा राजे सिंधिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के कदम को साहसी बताया। उन्होंने ट्वीट कर के कहा, "राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला, साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे, अब मिट गया हर फासला। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं।"

ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस के साथ लंबा सफर रहा है। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे त्यागपत्र में बताया कि वह पिछले 18 सालों से कांग्रेस के साथ थे। उन्होंने कहा कि "बीते 18 साल कांग्रेस का प्राथमिक सदस्य रहने के बाद अब मेरे आगे बढ़ने का वक्त आ गया है। मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और आप अच्छे से जानती हैं कि यह वही रास्ता है जिसके लिए पिछले साल से माहौल बन रहा था।"

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पत्र में अपने उद्देश्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य शुरू से ही मेरा राज्य के लोगों और देश की सेवा करना रहा है। मुझे लगता है इस पार्टी में रहकर अब मैं और ऐसा नहीं कर सकता हूं। मेरे हिसाब से मेरे लिए आगे बढ़ जाना ही बेहतर है।" हालांकि, कांग्रेस इसे पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई बता रही है। कांग्रेस का दावा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर सिंधिया को पार्टी से बाहर निकाला गया है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया गया है। हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, पार्टी से गद्दारी करने वाले के साथ तो ऐसा ही करना पड़ेगा। बुरे वक्त में पार्टी का साथ छोड़ना सही नहीं है। मध्य प्रदेश में शायद अब हमारी सरकार नहीं रहेगी।"

ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार 2002 में गुना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर संसद पहुंच थे। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में भी उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। UPA-1 और UPA-2 सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में उन्हें कांग्रेस पार्टी के एक बड़े चेहरे के तौर पर देखा जाता है। वह ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं।

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