Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. जंग ने आप सारकार द्वारा किए गए सभी ट्रांसफर किये रद्द

जंग ने आप सारकार द्वारा किए गए सभी ट्रांसफर किये रद्द

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही लड़ाई खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार द्वारा पिछले पांच दिनों में दिए

IANS
Updated on: May 20, 2015 22:56 IST
जंग ने आप सारकार...- India TV Hindi
जंग ने आप सारकार द्वारा किए गए सभी ट्रांसफर किये रद्द

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही लड़ाई खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।

उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार द्वारा पिछले पांच दिनों में दिए गए नौकरशाहों के तबादले और तैनाती के आदेश रद्द कर दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्र परोक्ष रूप से उनकी सरकार चलाने की कोशिश कर रहा है। केंद्र सरकार ने हालांकि इस विवाद से दूरी बनाई हुई है। केंद्र ने कहा कि केजरीवाल और जंग को बैठकर अपने बीच के मदभेदों को दूर करना चाहिए।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति से दिल्ली की सरकार और उप-राज्यपाल के बीच के मदभेदों के मामले पर चर्चा से इंकार किया।

राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा, "उप-राज्यपाल और मुख्यमंत्री को एक साथ बैठकर इस मुद्दे का हल निकालना चाहिए।"

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि उनकी जनतांत्रिक तरीके से निर्वाचित दिल्ली की सरकार को स्वतंत्रतापूर्वक काम करने दिया जाए।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, पत्र में केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली में उनकी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार उपराज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से चलाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

केजरीवाल का यह पत्र दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की राष्ट्रपति प्रणब जुखर्जी से मुलाकात के एक दिन बाद आया है। इस मुलाकात में उन्होंने शिकायत की थी कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं।

मनीष सिसोदिया ने बुधवार को नौकरशाहों के साथ एक बैठक की और उनसे कहा कि दिल्ली सरकार के आदेशों का पालन होना चाहिए।

बैठक में शामिल एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "सिसोदिया ने हमसे कहा कि नौकरशाही और राजनीतिक कार्यपालिका के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं है। संविधान के कुछ अनुच्छेदों का हवाला देते हुए यह कहने की कोशिश की कि केजरीवाल सरकार के आदेशों का पालन होना चाहिए।"

उपराज्यपाल नजीब जंग के कार्यालय ने शाम के समय एक बयान जारी कर यह साफ कर दिया कि प्रमुख सचिव अथवा सचिव स्तर के अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों की मंजूरी का अधिकार अकेले उपराज्यपाल के पास है, हालांकि इसके लिए मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श करना होता है।

सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने कहा कि संविधान के किस अनुच्छेद ने उन्हें दिल्ली सरकार को आदेश देने का अधिकार दिया है।

राज निवास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल को उन आदेशों और संप्रेषण की सूची मिली है जिन्हें पिछले कुछ दिनों में पास किया गया है। इससे काम-काज प्रभावित हुआ है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, "दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल कार्यालय को दिए गए आदेश एवं भेजे गए संदेश राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली की विशेष स्थिति को उलझाने वाले हैं, क्योंकि अन्य राज्यों की अपेक्षा दिल्ली का मामला बिल्कुल अलग है। दिल्ली विधानसभा से युक्त एक संघ शासित क्षेत्र है न कि कोई पूर्णराज्य और इस तरह दिल्ली का अपना एक विशेष स्थान है।"

इसमें कहा गया है, "प्रमुख सचिव अथवा सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति और तबादले की स्वीकृति देने के लिए अकेले उपराज्यपाल अधिकृत हैं और यह काम मुख्यमंत्री के साथ विचार विमर्श के साथ होना चाहिए। यह व्यवस्था नौ अप्रैल 1994 के आदेश संख्या एफ.57/3/94-एस.आई के अंतर्गत निर्धारित है जो कि आज भी लागू है।"

केजरीवाल के 17 मई के फैसले का हवाला देते हुए विज्ञप्ति में कहा गया, "उपराज्यपाल को अपने विवेक के अनुसार जहां आवश्यक हो वहां पर मुख्यमंत्री के साथ विचार विमर्श कर कार्रवाई करने का अधिकार संविधान ने दिया है।"

बयान में अनिंदो मजूमदार को प्रमुख सचिव के पद से हटाने को लेकर शुरू हुए विवाद का भी हवाला दिया गया है।

बयान के मुताबिक, "उप-राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लेख किया और कहा कि दिल्ली में 16 मार्च 2015 को राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र से पहले की स्थित और प्रक्रिया जारी रहेगी।"

आप सरकार ने मंगलवार को उप-राज्यपाल द्वारा हटाए गए आईएएस अधिकारी अरविंद रे को सचिव (सामान्य प्रशासनिक विभाग) के पद पर नियुक्त किया था।

पहले इस पद पर अनिंदो मजूमदार थे, जिनके दफ्तर पर सोमवार को केजरीवाल के आदेश के बाद ताला लगा दिया गया था। मजूमदार ने राज्यपाल के शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्ति वाले फैसले की अधिसूचना जारी की थी। पूरा विवाद गैमलिन की नियुक्ति को लेकर ही शुरू हुआ है।

इसी बीच पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल राज्य के मुख्यमंत्री के फैसले को रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि यह संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement