क्या था मामला
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने बतौर वकील पंजीकरण के लिए शैक्षणिक प्रमाणपत्रों समेत दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने को लेकर त्रिनगर के विधायक तोमर (49) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। तोमर के विरूद्ध आठ जून को हौजखास थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और उन पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेजों को असली की तरह पेश करने और धोखा देने एवं आपराधिक साजिश के इरादे से फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया था।
अदालत ने बढ़ाई थी पुलिस हिरासत-
मजिस्ट्रेटी अदालत ने सोमवार को तोमर की पुलिस हिरासत चार दिन के लिए और बढ़ा दी थी। जांचकर्ताओं ने कहा था कि तोमर के कथित फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट के बारे में तथ्यों का पता लगाने के वास्ते उन्हें बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ले जाने की जरूरत है। ग्यारह जून को सत्र अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई यह कहते हुए मंगलवार के लिए टाल दी थी कि इस मामले में रिकार्डों पर वस्तुनिष्ठ तरीके से विचार करने की जरूरत है। सत्र अदालत ने यह कहते हुए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था कि इससे मामला और जटिल हो जाएगा।
जमानत अर्जी में तोमर ने लगाए थे आरोप-
अपनी जमानत अर्जी में तोमर ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने कानून के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया