पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में सत्ताधारी राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के प्रमुख जीतनराम मांझी ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के शराबबंदी के बावजूद इसका उल्लंघन कर रहे हैं। इसके तहत गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून की पुनर्समीक्षा करने का आग्रह किया है।
16 सूत्रीय मांगों को लेकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर द्वारा आज यहां आयोजित धरने में शराबबंदी की आलोचना करते हुए मांझी ने कहा कि बचपन में जब उनकी मां पूजा के दौरान मदिरा अर्पित करती थीं। मगर आज के शराबबंदी कानून के तहत अगर मदिरा पकड़वाता तो उनकी मां को 10 साल की सजा हो जाती। ऐसा कानून नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि दवा में भी एल्कोहल का इस्तेमाल होता है।
मांझी ने कहा, 'अगर आपको पकड़ना (शराबबंदी कानून के तहत) ही है तो बिहार के 50 प्रतिशत बड़े बड़े अधिकारी को पकड़वा कर जेल भेजे। इसमें आयुक्त और प्रधानसचिव शामिल हैं। मुख्यमंत्री उन सभी को जेल भेजिए।’
मांझी ने धरने को संबोधित करते हुए शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए दलितों के मुद्दों को भी जोर शोर से उठाया।