नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पार्टी को अपना समर्थन दिया। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर कन्हैया कुमार ने देश की सबसे पुरानी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। हालांकि जिग्नेश मेवाणी औपचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल नहीं हुए और उन्होंने इसका कारण भी बताया। मेवाणी ने कहा कि वह कुछ तकनीकी कारणों के चलते पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के सिंबल पर ही लड़ेंगे।
‘दिल्ली और नागपुर देश में नफरत फैला रहे हैं’
इस मौके पर मेवाणी ने कहा, ‘एक राष्ट्र के तौर पर हम एक अभूतपूर्व समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसा संकट इस मुल्क ने पहले कभी नहीं देखा। संविधान पर हमला हो रहा है, दिल्ली की सड़कों पर संविधान की प्रति को जलाया जाता है। हमारे आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला है, हमारे देश के लोकतंत्र के ऊपर हमला हो रहा है। दिल्ली और नागपुर मिलकर इस देश में इतनी नफरत फैला रहे हैं कि भाई ही भाई का दुश्मन बन जाए। आइडिया ऑफ इंडिया को बचाने के लिए मैं अंग्रेजों को खदेड़ने वाली पार्टी कांग्रेस के मंच पर आपके साथ खड़ा हूं। हालांकि कुछ तकनीकी कारणों के चलते पार्टी जॉइन नहीं कर रहा।’
किस टेक्निकल कारण की बात कर रहे थे मेवाणी?
मेवाणी ने कहा, ‘एक टेक्निकल कारण के चलते मैं औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि मैं एक निर्दलीय विधायक हूं। यदि मैं पार्टी जॉइन कर लेता हूं तो एक MLA के तौर पर काम नहीं कर सकता। मैंने पार्टी के सीनियर नेताओं से बात की, अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से बात की, राहुल गांधी जी से बात हुई, अपने आप से बात हुई तो मुझे लगा कि इस विचार के साथ होना सबसे प्रमुख बात है। मैं इस मुहिम, इस संघर्ष के साथ हूं, और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। बाकी की औपचारिकताएं तो आने वाले महीनों में भी हो जाएंगी।’