रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद की चारा घोटाले के देवघर कोषागार समेत सभी तीन मामलों में स्वास्थ्य कारणों से दी गयी अंतरिम जमानत की अवधि को छह सप्ताह के लिए 14 अगस्त तक बढ़ा दिया है और इस मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि अभी लालू को उचित इलाज के लिए और एक सर्जरी के लिए समय की आवश्यकता है। अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को दी गयी अंतरिम जमानत की अवधि छह सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी। पहले उन्हें 22 जून को हुई सुनवाई में तीन जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत मिली हुई थी।
इसके आगे छह सप्ताह की और अंतरिम जमानत मिलने से लालू की अंतरिम जमानत की अवधि अब 14 अगस्त तक के लिए बढ़ गयी है। हालांकि सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने लालू के वकीलों की दलील का यह कहकर विरोध किया कि उनकी सभी बीमारियों का इलाज रांची स्थित रिम्स अस्पताल में संभव है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 अगस्त की निर्धारित की है। झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद को इलाज के लिए दायर अंतरिम याचिका पर सुनवाई करते हुए 11 मई को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत स्वीकृत की थी जिसकी अवधि 27 जून को समाप्त हो रही थी।
न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह के 22 जून को अवकाश पर रहने से इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने की थी और उन्होंने लालू के वकीलों की इस दलील पर अंतरिम जमानत की अवधि तीन जुलाई तक के लिए बढ़ा दी थी कि उनका अनेक गंभीर बीमारियों के लिए इलाज अभी जारी है। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने 11 मई को उनकी ओर से दायर अंतरिम जमानत की याचिका स्वीकार करते हुए इलाज के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी।
हालांकि देवघर मामले में न्यायालय ने लालू की नियमित जमानत याचिका 23 फरवरी को खारिज कर दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है। न्यायालय में लालू को चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत देने की याचिका दायर की गयी थी जो न्यायमूर्ति अपरेश सिंह की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आई थी।