पटना: बिहार में सत्ताधारी जदयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में पूर्व मंत्री रमई राम, सीतामढ़ी से पूर्व सांसद अर्जुन राय, वैशाली से पूर्व विधायक राजकिशोर सिन्हा, पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य विजय वर्मा सहित अपने 21 नेताओं को तत्काल प्रभाव से दल की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
जदयू के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने इन नेताओं को तत्काल प्रभाव से दल की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
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उन्होंने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में जिन अन्य जदयू नेताओं के खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई है उनमें पार्टी जिलाध्यक्ष, सहरसा धनिकलाल मुखिया, पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष एवं राज्य परिषद सदस्य,मधेपुरा सियाराम यादव, जदयू श्रमिक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विन्देरी सिंह, राज्य परिषद सदस्य, मुजफ्फरपुर इसराईल मंसूरी, तकनीकी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मिथलेश कुशवाहा, राज्य परिषद सदस्य, गायघाट, मुजफ्फरपुर निरंजन राय, दरभंगा के देवकांत राय, व्यवसायिक प्रकोष्ठ, जिला अध्यक्ष मधुबनी टिन्कु कसेरा
प्रखण्ड अध्यक्ष-सोनबरसा जयकुमार सिंह, प्रखण्ड अध्यक्ष-कहरा धीरेन्द्र यादव, व्यवसायिक प्रकोष्ठ उदयचन्द्र साहा, प्रखण्ड अध्यक्ष-बिहारीगंज विरेन्द्र आजाद, प्रखण्ड अध्यक्ष-सतर कटैया सुरेश यादव, प्रखण्ड अध्यक्ष-सौर बाजार विजेन्द्र यादव, किसान प्रकोष्ठ, मधेपुरा रमण सिंह, अध्यक्ष मधेपुरा नगर परिषद कमल दास एवं जिला परिषद उपाध्यक्ष, सीतामढ़ी देवेन्द्र साह शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि जदयू ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाने का विरोध कर रहे अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य को गत 12 अगस्त को उच्च सदन में पार्टी के नेता पद से हटा दिया था। गत 11 अगस्त को जदयू ने भाजपा के साथ गठबंधन करने की आलोचना करने वाले अपनी पार्टी के राज्य सभा सदस्य अली अनवर को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पर संसदीय दल से निलंबित कर दिया था।
होटल के बदले भूखंड मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के जनता की अदालत में स्पष्टीकरण नहीं देने पर महागठबंधन से नाता तोड़कर मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गत 27 जुलाई को भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली थी जिसपर शरद यादव और अली अनवर ने विरोध जताया था और इसे 2015 में महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) को मिले जनादेश और जनता के विश्वास पर आघात बताया था।