नई दिल्ली: जदयू ने शरद यादव पर कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के पद से हटाने के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र सौंपा है। पार्टी ने उनकी जगह रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) को राज्यसभा पद का नेता चुना है और अब जदयू की ओर से आरसीपीसिंह राज्यसभा के सदस्य होंगे। बिहार में पिछले दिनों नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से अलग होकर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद से ही जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव नाराज थे। कुछ दिन पहले भी शरद यादव ने राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों के सुर में सुर मिलाया था। इसके बाद वह राज्य के दौरे पर हैं। इन सब गतिविधियों के बाद पार्टी की तरफ से शरद यादव पर कार्रवाई करने का संकेत दिया जा रहा था। ये भी पढ़ें: ‘23 सितम्बर को धरती से टकराएगा ग्रह, वो होगा विनाश का दिन’
बता दें कि शरद यादव अभी बिहार दौरे पर हैं। अगर शरद यादव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निलंबित भी किया जा सकता है। जदयू नेता नीरज कुमार ने पार्टी के फैसले को सही करार देते हुए कहा है कि उनपर कार्रवाई करना जरूरी था। वो बेवजह पार्टी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे रहे थे। उन्हें अपने पद की गरिमा और पार्टी की शुचिता का भी ख्याल नहीं रहा। वो दरअसल लालू यादव की भाषा बोलने लगे थे और लालू यादव के भ्रष्टाचार में उनका साथ दे रहे थे। एेसे में पार्टी नेतृत्व ने उनपर ये कार्रवाई की है जो बिल्कुल सही है।
इससे पहले जदयू ने अपने राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने की वजह से संसदीय दल से निलंबित कर दिया। पार्टी के प्रवक्ता के सी त्यागी ने बताया कि कांग्रेस नीत संप्रग से जदयू द्वारा अपने रिश्ते खत्म करने के बावजूद विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अंसारी को संसदीय दल से निलंबित किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 16 विपक्षी दलों ने आज यहां एक बैठक की। यह बैठक भाजपा से मुकाबले के लिए वैकल्पिक रणनीति बनाने पर विचार करने के लिए हुई थी। त्यागी ने सोनिया पर पार्टी के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप कर अतिक्रमण का प्रयास करने का आरोप भी लगाया। अंसारी ने जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की, बिहार में गठबंधन से अलग हो जाने और भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनाने के लिए आलोचना की थी।