चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को शनिवार को राधाकृष्णन नगर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार से चुनौती मिलेगी। चुनाव में 2,50,000 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जयललिता और भाकपा के सी.महेंद्रन दो मुख्य उम्मीदवार हैं।
हालांकि, चुनाव में 26 अन्य निर्दलीय तथा छोटी पार्टियों के उम्मीदवार हैं। इनमें एक समाजसेवी के.आर.रामास्वामी भी शामिल हैं, जो ट्रैफिक स्वामी के नाम से जाने जाते हैं।
मतदान सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), पट्टाली मक्कल काची (पीएमके), डीएमडीके, कांग्रेस, और एमडीएमके ने शनिवार को चुनाव से खुद को दूर रखने का फैसला किया है।
मतगणना 30 जून को कराई जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के लिए सारे प्रबंध कर लिए गए हैं।
इधर, गुरुवार को चुनाव आयोग ने क्षेत्र के बाहर से ताल्लुक रखने वाले सभी राजनीतिक पदाधिकारियों, पार्टी कार्यकर्ताओं को राधाकृष्ण नगर छोड़ने को कहा है।
भारत में पहली बार इलेक्टर्स असिस्टेंस सिस्टम (ईजी) को पेश किया जा रहा है। इसके अंतर्गत राधाकृष्ण नगर के मतदाताओं को चुनाव संबंधी सभी जानकारियां मिल जाएंगी। जानकारियां ईमेल, SMS और ई-नेत्र मोबाइल एप के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी।
मतदान केंद्रों के लिए 230 माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
एआईएडीएमके के पी.वेट्रवल ने जयललिता के लिए चुनाव का रास्ता तैयार करने के मकसद से इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।
जयललिता को बेंगलुरू की एक अदालत द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी साबित किए जाने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उनकी अपील स्वीकार कर उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। जयललिता एकबार फिर मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन उन्हें अगले छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता की जरूरत होगी।
कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है।