नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की हार से वरिष्ठ पार्टी नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के करीबी रहे जनार्दन द्विवेदी आहत हैं। मंगलवार को दिल्ली में जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि जिस संगठन में आपने पूरा जीवन लगाया हो उस संगठन की ऐसी स्थिति देखकर पीड़ा होती है।
जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए और लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार का कारण भीतरी बताया, उन्होंने कहा कि पार्टी में कई ऐसी बातें हुईं जिनसे वे सहमत नहीं थे और पार्टी नेतृत्व को उन्होंने इसके बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक आरक्षण पर पार्टी के स्टैंड से वे सहमत नहीं थे और पार्टी अध्यक्ष को उन्होंने अपनी असहमति बताई थी।
नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की तुरंत बैठक बुलाई जानी चाहिए और जितना जल्दी हो सके नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जानी चाहिए। लोकसभा चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी में जनार्दन द्विवेदी ऐसे नेताओं में से हैं जो राजनीतिक करियर की शुरुआत से अंत तक पार्टी से जुड़े रहे, जनार्दन द्विवेदी ने कांग्रेस पार्टी के 5 अध्यक्षों, यानि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम किया है। उन्हें राहुल गांधी और सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है और साल 2018 में उन्होंने स्वेच्छा से रिटायरमेंट ले ली थी।