नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने महबूबा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। सूबे में पिछले तीन साल से बीजेपी और पीडीपी गठबंधन सरकार चल रही थी। मंगलवार को बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में महबूबा सरकार से समर्थन वापसे लेने पर फैसला किया गया। जानिए इसपर राजनितिक दलों की क्या प्रतिक्रिया रही...
पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा कि हमने बीजेपी के साथ सरकार चलाने की भरसक कोशिश की। बीजेपी का इस तरह से समर्थन वापस लेना हमारे लिए सरप्राइज है। बीजेपी ने पहले कभी ऐसा संकेत नहीं दिया-रफी अहमद मीर, पीडीपी प्रवक्ता
बीजेपी जम्मू-कश्मीर में सरकार चलाने में पूरी तरह से नाकाम रही, बीजेपी की सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती, हमने पहले ही कहा था कि आप हिमालयन गलती कर रहे हैं.. इन्हें जम्मू-कश्मीर में सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था। पिछले तीन- सवा तीन साल से जम्मू कश्मीर के लोग तबाही और बर्बादी का शिकार हो रहे थे।-गुलाम नबी आजाद
इस फैसले के बाद राज्य में गवर्नर शासन लागू होगा। बीजेपी चाहती है कि धारा 370 को बाहर किया जाए। मेरे पास महबूबा मुफ्ती के प्रति कोई हमदर्दी नहीं है। घाटी में अब पीडीपी का कोई अस्तित्व नहीं रहा जाएगा। मेरी पूरी हमदर्दी जम्मू-कश्मीर की आवाम के साथ है। इसके लिए पूरी तरह से बीजेपी और पीडीपी जिम्मेदार है। -ओवैसी
जम्मू-कश्मीर भारत के लिए बेहद अहम राज्य है...पिछले कुछ महीनों से घाटी में सुरक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी- रविंद्र रैना
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- आखिरकार बीजेपी-पीडीपी के ड्रामे का अंत हुआ।
हमने पहले ही कहा था यह देशद्रोही गठबंधन है। अगर वे साथ रहते तो 2019 में उन्हें जनता को जवाब देना पड़ता।- संजय राउत, शिवसेना प्रवक्ता
ये सरकार जनता विरोधी थी, जनता के हित में कोई काम नहीं हो रहा था- भीम सिंह, पैंथर्स पार्टी
जिन उद्देश्यों के लिए हमने सरकार बनाई थी वह पूरी नहीं हो पाई और पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में जैसे हालात पैदा हुए उनके आकलन के बाद प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष से परामर्श के बाद हमने गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है।-राम माधव