श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण का मतदान सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कराया गया। अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद, नेशनल कॉन्फ्रेंस एवं पीडीपी के बहिष्कार और आतंकियों की धमकी को देखते हुए घाटी की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा और अलगाववादियों के बंद के आहवान के बावजूद 4 बजे तक 11 जिलों में कुल 63.83 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है। 4 बजे वोटिंग खत्म हो चुकी थी।
अधिकारी ने कहा कि करगिल और लेह में भारी मतदान हुआ जहां क्रमश: 78 और 52 फीसदी वोट पड़े। उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा नगर समिति में 36.6 फीसदी वोट पड़े जबकि हंदवाड़ा निगम समिति में 27.8 प्रतिशत वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
श्रीनगर नगर निगम के तीन वार्डों के 30,074 मतदाताओं में से महज 1,862 मतदाता ही मतदान केंद्र पहुंचे जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे। अधिकारी ने कहा कि बडगाम में 17 फीसदी, अनंतनाग में 7.3 फीसदी, बारामूला में 5.7 फीसदी और बांदीपोरा में 3.3 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
घाटी के 83 वार्डों में ही मतदान हुआ जबकि 69 वार्डों में उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए। कश्मीर मंडल के 150 मतदान केंद्रों में से 138 को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया था। मतदान के दौरान बांदीपोरा जिले से पथराव की मामूली घटना सामने आई जहां एक भाजपा उम्मीदवार उपद्रवियों का निशाना बनने की वजह से घायल हो गया।
वीडियो: आतंकी धमकियों, अलगाववादियों के बंद और पार्टियों के बहिष्कार के बीच जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव