नई दिल्ली: महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में असंतोष के स्वर और मजबूत हो गए हैं। इसी सिलसिले में पार्टी के बागी नेता अब्दुल माजिद पद्दार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के साथ जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने में कोई आपत्ति नहीं। सरकार बनाने के लिए हमारे पास पूरे नंबर हैं। हम कश्मीर में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि वो अगले ढ़ाई साल के लिए जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनाने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है। शर्त यह है कि अगला मुख्यमंत्री कश्मीर से ही होना चाहिए।
इससे पहले पार्टी के पांच नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पार्टी तोड़ने को लेकर दिए गए बयान से असहमति जताई। असंतुष्ट नेताओं में तीन विधायक और दो विधान परिषद के सदस्य हैं। महबूबा ने कहा था कि उनकी पार्टी को तोड़ने के किसी भी प्रयास का नतीजा अधिक आतंकवादियों को पैदा करने की शक्ल में सामने आएगा।
असंतुष्ट नेताओं जावेद हुसैन बेग, इमरान अंसारी, अब्दुल माजिद पद्दार, यासिर ऋषि और सैफुद्दीन भट ने शुक्रवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया। बेग, अंसारी, पद्दार राज्य विधानसभा के सदस्य हैं जबकि ऋषि और भट्ट विधान परिषद के सदस्य हैं।
बारामुला विधानसभा सीट के विधायक जावेद हुसैन बेग ने कहा, मुझे स्पष्ट करने दीजिए कि आज पीडीपी में कोई आतंकवादी नहीं है और न ही पहले कोई था। हम इस तथ्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि जम्मू एवं कश्मीर राज्य का भारत में शामिल होना अंतिम है।
उन्होंने कहा, हमने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है और ना ही पार्टी अध्यक्ष ने हमें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उत्तरी कश्मीर के पट्टन के विधायक इमरान अंसारी ने कहा, हम पारिवारिक शासन के खिलाफ हैं और हमारे पक्ष में कोई बदलाव नहीं आया है। हम पार्टी में बुनियादी सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं।