नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में जारी हलचल को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक का बयान आया है। सत्यपाल मलिक ने कहा है कि संविधान में बदलाव की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। राज्यपाल ने लोगों से कहा है कि दहशत में न आएं। उन्होंने अपील की है कि सेना की तैनाती को दूसरे मुद्दों से जोड़ने की जरूरत नहीं है। सत्यपाल मलिक का बयान उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद आया है।
वहीं राज्यपाल से मुलाकात के बाद उमर उब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि संसद को यह बताना चाहिए कि कश्मीर के हालात अचानक इतने खराब क्यों हो गए हैं। सरकार को बताना होगा कि कश्मीर को लेकर उसकी क्या योजना है।
अमरनाथ यात्रा को रद्द करने को लेकर उन्होंने कहा कि अचानक स्थितियां खराब होना संदेह पैदा करता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनकी गवर्नर से बात हुई है, तब कश्मीर उन्होंने ही 35ए को लेकर कोई कदम न उठाने की बात कही थी। फिर सरकार अचानक तनाव पैदा क्यों कर रही है।
इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने तथा अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन तथा इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की।
राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में गंभीर और विश्वसनीय सूचनाएं हैं। इस संदर्भ में सरकार ने परामर्श जारी कर यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है।’’
मलिक ने कहा कि इस कदम को अन्य सभी तरह के मुद्दों से जोड़कर ‘‘अनावश्यक भय’’ उत्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘विशुद्ध रूप से सुरक्षा के नजरिये से उठाए गए इस कदम को उन मुद्दों से जोड़ा जा रहा है जिसका इससे कोई संबंध नहीं है। यही भय की वजह है।’’ उन्होंने नेताओं से अपने समर्थकों से मामलों का घालमेल ना करने, शांति बनाए रखने और अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल ने बारामूला में कल और उससे एक दिन पहले श्रीनगर में अनुच्छेद 35ए पर मामलों को खुद सफाई दी थी।’’ मलिक नेबारामूला और श्रीनगर में कहा था कि जम्मू कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को रद्द करने की कोई योजना नहीं है।