जम्मू: जम्मू कश्मीर के संवेदनशील किश्तवाड़ जिले में आतंकियों ने भाजपा के राज्य सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजित परिहार की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना गुरूवार रात लगभग नौ बजे की है। माना जा रहा है कि किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की वजह से ही दोनों भाइयों की हत्या की गई है। इस वारदात के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना बुलाई गई है। भाजपा के प्रदेश सचिव और उनके भाई किश्तवाड़ में अपनी दुकान से घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में उनपर गोलियां चलाई गईं। दोनों भाइयों को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अनिल परिहार किश्तवाड़ में भाजपा के तो बड़े नेता थे ही जम्मू के बड़े सात-आठ नेताओं में भी शामिल थे। अनिल बचपन से ही भाजपा के साथ जुड़े थे। वो भाजपा प्रदेश मोर्चा अध्यक्ष भी रह चुके थे। साथ ही ऑल इंडिया युवा मोर्चा के सदस्य रहे थे। पिछली बार भी राज्य सचिव रहे थे और हाल ही में रविंदर रैना ने फिर से उन्हें राज्य सचिव बनाया था। अनिल उधमपुर और आरएसपुरा के भी प्रभारी रहे थे।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा नेता और उनके भाई की हत्या पर बृहस्पतिवार को दुख एवं हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि अपराधियों को कानून के हवाले करने में पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “जम्मू-कश्मीर प्रदेश भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई की हत्या से स्तब्ध एवं दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोकसंतप्त परिवार के साथ हैं।” गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार से बात कर हालात का जायजा लिया।
इससे पहले, जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद कर्फ्यू लगा दिया था। कर्फ्यू लगाने का आदेश जिलाधिकारी ए एस राणा ने दिया। स्थानीय निवासियों द्वारा प्रदर्शन किए जाने और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई किए जाने के चलते जिले में तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करनी पड़ी।
अधिकारियों ने बताया कि हालात बिगड़ने के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना बुलाई गई है। माकपा विधायक एम वाई तारीगामी, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने भी हत्या की निंदा की। उन्होंने हमले को वीभत्स और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और राज्य में बदतर होती कानून व्यवस्था की ओर इशारा किया। नेकां के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे, “बर्बर, अमानवीय और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया।