नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर जगदीश टाइटलर ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि दंगों के दौरान राजीव गांधी उनके साथ उत्तरी दिल्ली के कई इलाकों में कई बार घूमे थे। इसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री से भारत रत्न का खिताब वापस लेने की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पहली बार सिख विरोधी दंगा मामले में राजीव गांधी की सक्रियता को लेकर बयान दिया है।
टाइटलर ने कहा कि दंगा भड़कने के बाद राजीव ने हालात का जायजा लेने के लिए उनके साथ मौकों का मुआयना किया था। नानावती आयोग की रिपोर्ट में जगदीश टाइटलर का नाम भी शामिल था। इसके अलावा टाइटलर पर दिल्ली के पुलबंगश इलाके में गुरुद्वारे के सामने 3 सिखों की हत्या करने का भी आरोप लगाया गया था। CBI अभी तक टाइटलर पर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं कर सकी है। अदालतें समय-समय पर इस जांच एजेंसी को मामले की छानबीन करने का निर्देश दे चुकी हैं।
जांच एजैंसी की मांग पर टाइटलर ने कहा कि वह इसके लिए बाध्य नहीं हैं लेकिन अगर CBI यह मान लेती है कि इससे पहले की सभी रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट देने में एजेंसी ने गलती की थी तो वह लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए तैयार हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि जगदीश टाइटलर द्वारा 1984 के दंगों के बाद दिल्ली में राजीव गांधी द्वारा उनके साथ खुद गलियों में जाकर जायजा लेने संबंधी दिया गया बयान सच्चाई से दूर है। टाइटलर के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खुद 1984 में सिखों के खिलाफ हिंसा को भड़काया था। उनकी निगरानी में दिल्ली में दंगे हो रहे थे। सुखबीर सिंह बादल का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि राजीव गांधी ने सीनियर कांग्रेस लीडर जगदीश टाइटलर के साथ दंगों के दौरान शहर का राऊंड लिया था।
दिल्ली में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद दिल्ली, कानपुर, बोकारो समेत देश के कई शहरों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इनमें लगभग 3000 लोगों का मौत हो गई थी।