नई दिल्ली: कांग्रेस अपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के कर्मचारियों की जांच करने वाले कानून में संशोधन और अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने वाले कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह 2017 है 1817 नहीं। राहुल गांधी ने ट्विटर पर 'राजस्थान अध्यादेश मुक्त भाषण के खिलाफ है, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है' नामक एक समाचार को साझा किया और लिखा मैडम मुख्यमंत्री पूरी विनम्रता के साथ हम 21वीं सदी में हैं।
राज्य सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से अदालतों को राज्य में कार्यरत और पूर्व न्यायाधीशों, दण्डाधिकारियों एवं सरकारी कर्मचारियों पर जांच करने से रोकने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय दंड संहिता 1980 में संशोधन किए हैं।
इसके अलावा, किसी भी जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ अभियोजन पक्ष की स्वीकृति के बिना जांच नहीं की जा सकती है। जब तक कि मंजूरी नहीं दी जाती तब तक यह मीडिया को भी उन मुद्दों पर रिपोर्टिग करने से रोकता है।
इस कदम की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है। राजनेता और अधिकार संगठन सभी इसे असंवैधानिक करार दे रहे हैं और इस कदम को भ्रष्ट लोगों को बचाने का एक तरीका बता रहे हैं।