मुम्बई: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बृहस्पतिवार को कुछ कहने से इनकार कर दिया। किन्तु उन्होंने यह जरूर कहा कि उन महिलाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए जो अपनी बात रख रही हैं। ‘‘मी टू अभियान’’ के तेज होने पर कुछ महिला पत्रकार भी सामने आयीं और उन्होंने विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर दो अखबारों में उनके संपादक रहने के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
अकबर के खिलाफ आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा कि संबंधित सज्जन इस मुद्दे पर बोलने पर बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि मीडिया अपनी (पूर्व) महिला सहयोगियों का साथ दे रहा है लेकिन मेरा मानना है कि संबंधित सज्जन को बयान देना है न कि मुझे क्योंकि मैं व्यक्तिगत रुप से वहां नहीं थी।
ईरानी ने कहा कि मैंने इस खास मुद्दे पर बार-बार कहा है कि विशेष तौर पर अपनी आपबीती सामने रख रही महिलाओं को किसी भी तरह शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए तथा उनका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए। ईरानी ने कहा कि महिलाएं उत्पीड़न का शिकार बनने नहीं बल्कि अपने सपने को साकार करने, सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए काम करने जाती हैं।