नई दिल्ली: चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने पर देश को थोड़ी निराशा जरूर हुई, लेकिन इस मौके पर पूरा राष्ट्र ISRO के वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है। देश के कई गणमान्य लोगों ने ISRO के साथ एकजुटता जताते हुए संदेश दिया है कि इस आंशिक असफलता से निराश होने की जरूरत नहीं है। इसी कड़ी में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी कहा कि लैंडर से सिर्फ संपर्क टूटा है लेकिन 1.3 अरब भारतीयों का हौसला बरकरार है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, चरैवेति चरैवेति
नायडू के मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘130 करोड़ भारतीयों को इसरो की सफलताओं पर गर्व है। अनुसंधान की अनिश्चितताओं में इसरो ने हर असफलता को एक अवसर मान कर, उससे बड़ी सफलता हासिल की है। सिर्फ लैंडर से संपर्क टूटा है, आपका हौसला नहीं, देश का विश्वास नहीं टूटा।’ उपराष्ट्रपति ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आर्बिटर तथा उसके अन्य उपकरण भली भांति कार्य कर रहे हैं और हमें उपयोगी जानकारी देते रहेंगे। चरैवेति चरैवेति। देश को इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों पर सदैव गर्व है।’
सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर टूटा संपर्क
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। संपर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि वे मिशन में आई रुकावटों के कारण अपना दिल छोटा नहीं करें, क्योंकि ‘नई सुबह होगी और बेहतर कल होगा।’