नई दिल्ली: देश में संतों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का निधन हो गया है। उनका शव प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में प्राप्त हुआ है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर अब कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कहा कि संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है। क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या?
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है। श्रद्धांजलि...क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या? उत्तर प्रदेश भाजपा की ये कैसी सरकार है जो देश के संतों महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं?"
इस मामले में मामले में यूपी एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि के कमरे में 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है जिसमें महंत के शिष्य आनंद गिरी की प्रताड़ना से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात लिखी है। उनका कहना है कि शव को महंत नरेंद्र गिरी के अनुयायिओं द्वारा दरवाजा तोड़ कर फंदे से उतारा गया है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में कई तरह की बातों का जिक्र किया गया है।
IG रेंज केपी सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट को उन्होंने वसीयतनामा की तरह लिखा है, इसमें शिष्य आनंद गिरि का भी जिक्र है। नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में किस शिष्य को क्या देना है? कितना देना है, इन सब का जिक्र भी किया है। सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि वह अपने कुछ शिष्यों के व्यवहार से बहुत ही आहत और दुखी हैं और इसीलिए वह सुसाइड कर रहे हैं। पहली नजर में यह सुसाइड का ही मामला समझ में आ रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम से मौत की वजह साफ होगी। सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग की भी जांच होगी।
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