Sunday, December 22, 2024
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क्या महागठबंधन का पहला किला गिरने वाला है? गुरुग्राम में रिसॉर्ट के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

बीजेपी के दावे के पीछे ठोस वजहें हैं। हलचल मंगलवार को उस वक्त तेज़ हो गई जब दो निर्दलीय विधायक एच.नागेश और आर.शंकर ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस के 4 विधायक रमेश जारकीहोली, बी.नागेन्द्र, के.महेश और डॉ उमेश जाधव भी मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में पहुंच गए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 16, 2019 11:15 IST
क्या महागठबंधन का पहला किला गिरने वाला है?
क्या महागठबंधन का पहला किला गिरने वाला है?

नई दिल्ली: एक ओर कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक मुंबई में बैठक कर रहे हैं तो दूसरी ओर गुरुग्राम के जिस रिसॉर्ट में बीजेपी के विधायक ठहरे हैं उसके बाहर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस के कार्यकर्ता बैनर पोस्टर लेकर रिसॉर्ट के बाहर पहुंचे। इन लोगों ने जमकर नारेबाजी की और बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। बता दें कि दो निर्दलीय विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जबकि कांग्रेस के चार विधायक मुबंई में हैं। इस बीच जोड़ तोड़ की कोशिशें हो रही हैं। बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार जल्द ही गिर जाएगी। वहीं सीएम कुमारस्वामी और कांग्रेस दोनों ही इन खबरों को बेबुनियाद बता रहे हैं। कांग्रेस के 4 विधायक मुंबई के एक होटल में रुके हुए हैं और दावा किया जा रहा है कि ये कभी भी अपना पाला बदल सकते हैं।

विधायकों की इन सरगर्मियों के बाद कर्नाटक में राजनीति का पारा चढ़ गया है। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी वेणुगोपाल दिल्ली से बेंगलूरु पहुंचने के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया से बात की और उसके बाद सीएम कुमारस्वामी से भी बात की जिसके बाद दावा किया गया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन कांग्रेस नेताओं की सक्रियता ये बता रही है कि अंदरखाने बहुत कुछ पक चुका है और इसका नतीजा जल्द आ सकता है। वहीं बीजेपी दावा कर रही है कि सरकार जल्द ही गिर जाएगी।

बीजेपी के दावे के पीछे ठोस वजहें हैं। हलचल मंगलवार को उस वक्त तेज़ हो गई जब दो निर्दलीय विधायक एच.नागेश और आर.शंकर ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस के 4 विधायक रमेश जारकीहोली, बी.नागेन्द्र, के.महेश और डॉ उमेश जाधव भी मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में पहुंच गए। दावा किया गया कि कांग्रेस के 4 और जेडीएस का एक और विधायक एन मौके पर पाला बदल सकते हैं।

हालांकि कर्नाटक के सीएम एच डी कुमारस्वामी को भरोसा है कि सरकार को कोई आंच नहीं आएगी। उन्होंने कहा, ‘’मैं बिल्कुल निश्चिंत हूं, मैं जानता हूं कि मेरे पास विधायकों की संख्या कितनी है। मैं एनकाउंटर की स्ट्रेटजी नहीं अपनाना चाहता। मुझे विधायकों की संख्या पता है, मेरी सरकार स्थिर है चिंता मत कीजिए। पिछले एक हफ्ते से कन्नड़ चैनलों पर जो चल रहा है मैं उसका आनंद ले रहा हूं।‘’

कांग्रेस पलटवार करने को भी तैयार है। कुमारस्वामी सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान ने दावा किया कि बीजेपी के विधायक भी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘’हमें कोई परेशानी नहीं, डर नहीं। हम सुरक्षित हैं। डर उन्हें है, वो ही रिसोर्ट में जाकर बैठे हैं। ये सच है कि हमारे 3-4 विधायक मुम्बई में हैं। आज शाम या कल सुबह तक वापस भी आ जायेंगे। अगर बीजेपी तोड़फोड़ करेगी तो हमने क्या हाथों में चूड़ियां पहन रखी है। उनके 4-5 विधायक भी हमारे सम्पर्क में हैं। हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है।‘’

कांग्रेस और जेडीएस के भरोसे के पीछे सबसे बड़ी वजह है नंबर। कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 224 है। कांग्रेस के पास 80 विधायक हैं और जेडीएस के 37। बीएसपी के एक विधायक के समर्थन से ये आंकड़ा कुल 118 पर पहुंच जाता है। बीजेपी के सभी विधायकों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में रखा है। बीजेपी के लिए भी कर्नाटक में सरकार बनाना आसान काम नहीं है।

बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायकों का समर्थन है और उन्हें सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के 13 विधायकों का इस्तीफा जरुरी है। 13 विधायकों के इस्तीफे से विधानसभा के सदस्य 211 रह जाएंगे। इस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 106 होगा और बीजेपी सरकार बना लेगी। फिलहाल सभी पार्टियों ने अपने अपने विधायकों की पहरेदारी बढ़ा दी है क्योंकि इस सियासी गर्मी में कोई भी पिघल सकता है।

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