उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि भारतीय समाज असहिष्णु होता जा रहा है और भारतीय मूल्यों का पतन हो रहा है। ये बात अंसारी ने एक टीवी चैनल के साथ बात में कही है. अंसारी का कार्यकाल दस अगस्त को समाप्त हो रहा है।
उप-राष्ट्रपति ने कहा, "मूल्यों का पतन, अधिकारिया का क़ानून को लागू न कर पाना और किसी भी नागरिक की भारतीयता पर शंका करना परेशान करने वाली बात है।" अंसारी गो-रक्षकों के हमले, मॉब लिंचिंग और ''भारत माता की जय'' नारा ज़बरदस्ती लगवाने जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की।
अंसारी ने कहा कि भारत 70 साल से नहीं बल्कि सदियों से बहुलतावादी देश रहा है जहां स्वीकार्यता की संस्कृति रही है लेकिन अब ''ये अब ख़तरे'' में है। उप-राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने देश में बढ़ती असहिष्णुता का मसला प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के समक्ष भी उठाया। ये पूछे जाने पर ये मसला उठाने पर उनकी (पीए, मंत्री) क्या प्रतिक्रिया रही, अंसारी ने कहा, "स्पष्टीकरण और कारण तो हमेशा रहता ही है। अब ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप स्पष्टीकरण, कारण या फिर तर्क को स्वीकार करते हैं या नहीं।"
अंसारी ने लोगों पर अति राष्ट्रवाद को लादने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "दिन रात अपने राष्ट्रवाद का बखान करना फ़िज़ूल है। मैं भारतीय हूं और बस इतना ही काफी है।"
मुस्लिम समुदाय में व्याप्त भय और असुरक्षा की बात से सहमत होते हुए अंसारी ने कहा, "मैंने देश के अन्य़ हिस्सों में इस बारे में सुना है, मैं उत्तर भारत में इस बारे में सुनता रहता हूं कि लोगों (मुस्लिम समाज) में असुरक्षा की भावना घर कर रही है, बेचैनी की भावना है।"
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती हिसां पर भी उप-राष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की और कहा, "जब बच्चे-बच्चियां दिन-रात, रोज़ाना, हफ़्ते दर हफ़्ते, महीने दर महीने, सड़कों पर आकर पत्थरबाज़ी करते हैं तो ये चिंता की बात है क्योंकि वे हमारे बच्चे हैं, वे हमारे नागरिक हैं। ज़ाहिर है कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ हो रही है।''