नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी की तरफ से एक विवादित बयान ने हड़कंप मचा दिया है। हिंदू युवा वाहिनी के यूपी प्रदेश मंत्री ने मुस्लिम समुदाय की आबादी पर सवाल खड़े कर दिए। हिंदू युवा वाहिनी का कहना है कि मुस्लिम, देश में साज़िश के तहत आबादी बढ़ा रहे हैं ताकि वो देश पर कब्जा कर सकें। हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश मंत्री नागेंद्र प्रताप तोमर ने मेरठ में कार्यकर्त्ता सम्मलेन में कहा कि भारत पर कब्जे के लिए मुसलमान जानवरों की तरह जनसंख्या बढ़ा रहे हैं।
नागेंद्र प्रताप तोमर ने कहा कि औरतों को बच्चा बनाने की मशीन बना दिया गया है। एक-एक के घर में 12-12 बच्चे पैदा हो रहे हैं। वो बच्चे इसलिए पैदा नहीं कर रहे कि वे अल्लाह की देन है बल्कि इसलिए पैदा कर रहे हैं क्योंकि हिंदुस्तान पर कब्जा करना है। तोमर ने कहा कि जो कायर हिंदू थे वो मुसलमान बन गए जो योद्धा थे वो हमारे बीच बैठे हैं। उन्होंने कहा कि लव जिहाद अभी टला नहीं है। मुस्लिमों की दाढ़ी पर भी तोमर ने अपशब्द बोले, कहा कि भगवान ने तुमको इतना सुंदर चेहरा दिया, मूछ दी। इसको भी तुमने बेनूर कर दिया।
तोमर ने कार्यकर्त्ताओं के सम्मेलन में एक के बाद एक कई गंभीर आरोप लगाए। तोमर ने कहा कि एक साजिश की बू आती है जब हम धर्म की आड़ लेकर राष्ट्र पर आने वाले संकट को अनदेखा करते हुए निरंतर जनसंख्या बढ़ाते हैं। ऐसा लगता है कि वो शायद किसी साज़िश के तहत बढ़ाई जा रही है और वो साजिश ये है कि किसी तरीके से जनसंख्या का असंतुलन करके लोकतांत्रिक आधार पर इस देश पर कब्जा किया जाए।
आंकड़ों के मुताबिक मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने की दर में कमी आई है जो हिंदुओं के मुकाबले भी ज्यादा है लेकिन बावजूद इसके 2050 तक भारत में मुसलमानों की जनसंख्या 30 करोड़ हो सकती है जो दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा होगी। 2011 की जनगणना के मुताबिक हिंदुओं की आबादी 96.63 करोड़ है जो कुल आबादी की 79.8 परसेंट है जबकि मुस्लिमों की आबादी 17.22 करोड़ है जो कुल आबादी का 14.23 परसेंट है।
हिंदुओं और मुसलमान की आबादी को लेकर तमाम दावों पर भी जनगणनाओं के आंकड़ों में कई चीज़ें सामने आई। आंकड़ों के मुताबिक मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने की दर में कमी आई है जो हिंदुओं के मुकाबले भी ज्यादा है। 1981-1991 में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने की दर 32.9 फीसदी थी जो 1991-2001 में घटकर 29.3 फीसदी और 2001-11 में घटकर 24.6 फीसदी हो गई है। जबकि 1981-1991 में हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ने की दर 22.8 फीसदी थी, जो 1991-2001 में घटकर 20 फीसदी और 2001-11 में घटकर 16.8 फीसदी हो गई।
इस हिसाब से 1981 से 2011 के बीच हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ने की दर में 6 परसेंट की कमी आई है जबकि इस दौरान मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ने की दर में 8 परसेंट से भी ज्यादा की गिरावट आई है। अब अगर आंकड़ों पर यकीन करें तो आने वाले सौ सालों तक देश में मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा नहीं होगी।