नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज दावा किया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-1 और संप्रग-2 सरकारों के समय देश ने किसी एक दशक में सबसे ऊंची आर्थिक वृद्धि दर्ज की है। साथ ही उन्होंने मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार पर तंज कसते हुए आज एक नहीं तीन-तीन वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं। चिदंबरम ने सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल में जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि संप्रग-1 सरकार के दौरान औसत वृद्धि दर 8.87 प्रतिशत थी। इस दौरान 2006-07 में वृद्धि 10.08 प्रतिशत तक गयी संप्रग- 2 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.39 प्रतिशत रही।
इसके जवाब में भाजपा ने कहा कि संप्रग सरकार के समय महंगाई और चालू खाते का घाटा बहुत ऊंचा हो गया था। मोदी सरकार ने आकर स्थिति को सुधारा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ये आंकड़े आधिकारिक नहीं हैं और सरकार ने अभी तक इन्हें स्वीकार नहीं किया है। चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संप्रग-एक और दो के समय औसत वार्षिक वृद्धि 8.13 प्रतिशत रही हो किसी एक दशक में सबसे ऊंची वृद्धि दर है। इस दौरान 14 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर निकाला गया जो एक रिकार्ड है।
मोदी सरकार पर तंज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस समय तीन वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं- इनमें एक वास्तविक, एक औपचारिक और एक अदृश्य वित्त मंत्री हैं।’’ पात्रा ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी जब कोई सफलता हासिल नहीं कर पाती है तो वह अपनी विफलता का ही जश्न मनाना शुरू कर देती है। संप्रग के कार्यकाल में मुद्रास्फीति बढ़ रही थी और वे चालू खाते के घाटे पर अंकुश नहीं लगा पाए थे। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत दुनिया की छह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है।’’
पात्रा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत ‘पांच कमजोर’ अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी से निकल कर निवेश के सबसे शानदार गंतव्यों में शामिल हो गया है। संप्रग-दो के समय एक निवेश बैंक ने तुर्की, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया को बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पांच ‘सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं’ का नाम दे रखा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित वास्तविक क्षेत्र के आंकड़ों पर समिति गठित की गई है। इसके द्वारा तैयार जीडीपी की नयी श्रृंखला की पिछली कड़ियों के अनुमानों को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर शुक्रवार को डाला गया।
मंत्रालय ने भी आज एक बयान में कहा कि समिति की रिपोर्ट कोई ‘‘आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं।’’ औपचारिक अनुमान बाद में जारी किए जाएंगे। मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस सरकार को विरासत में ऐसी अर्थव्यवस्था मिली थी जो तेजी से आगे बढ़ रही थी। दुर्भाग्य से पहले दो साल बाद ही सरकार लड़खड़ाने लगी और रफ्तार थमने लगी। इसकी मुख्य वजह नोटबंदी, गलत तरीके से जीएसटी का क्रियान्वयन और कर-आतंकवाद है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बराबरी और सामाजिक न्याय के साथ उच्च वृद्धि दर की हिमायती है। मोदी सरकार के दौर में ये तीनों बातें प्रभावित हुई हैं।