Friday, November 22, 2024
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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, भारत-चीन सीमा विवाद का हल कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद के हल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि वह ‘पूरी तरह से सहमत’ हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 07, 2020 16:26 IST
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Image Source : PTI FILE विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद के हल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद के हल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि वह ‘पूरी तरह से सहमत’ हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के लिए एक ‘समझौते’ पर पहुंचना महत्वपूर्ण है और यह केवल उनके लिए अहम नहीं है बल्कि दुनिया के लिए भी यह मायने रखता है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।

विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे यह भी जानकारी है कि आपके पास वहीं स्थिति है जो हमारे पास पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख के पार) के सीमा क्षेत्रों में है। क्योंकि हमारा लंबे समय से दृष्टिकोण रहा हैं, वहां हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है- हमारी चीन के साथ सहमति और समझ हैं। दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों और समझ को बारीकी से देखा जाना चाहिए। वास्तविकता यह है कि सीमा पर जो होता है वह संबंध को प्रभावित करेगा, आप इसे अलग नहीं कर सकते।’

जयशंकर ने कहा, ‘मैंने कुछ दिनों पहले एक अन्य संदर्भ में यह बात कही थी, मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि स्थिति का हल कूटनीति के दायरे में ढूंढना होगा और मैं यह जिम्मेदारी के साथ कहता हूं।’ उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध के लिए यह आसान समय नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़पों से पहले पुस्तक ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटेजिस फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ लिखी थी। गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन 2 सभ्य देश हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश करने जा रहे हैं।

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