नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट पेश करते हुए 50 करोड़ लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देने का ऐलान किया जिसमें 5 लाख रुपए प्रति परिवार प्रति वर्ष दिया जाएगा बीमा कवर। राष्ट्रीय हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लॉन्च की गई, 10 करोड़ गरीब परिवार होंगे कवर। मोदी सरकार का ये बजट आखिरी फुल बजट भले ही है लेकिन इसे पीएम का ड्रीम बजट माना जा रहा है इसलिए इस बजट से देश के हर वर्ग को उम्मीदें हैं। सवाल है कि जेटली अपने इस बजट में किस-किस की उम्मीदें पूरी करेंगे? देश में जीएसटी लागू होने के बाद मोदी सरकार का ये पहला आम बजट है। इसके साथ ही 2019 के आम चुनाव से पहले भी मोदी सरकार का ये आखिरी फुल बजट है। ऐसे में इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
देखिए बजट पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ रजत शर्मा बातचीत: इंडिया टीवी संवाद
Budget 2018 Highlights
- वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को मिलेगा लाभ
- 40 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन की हुई घोषणा
- 250 करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों को देना होगा 30 प्रतिशत टैक्स।
- 250 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 25 प्रतिशत किया गया।
- इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया
- किसानों के लिए संपदा योजना को मिलेगा बढ़ावा
- पोस्ट हार्वेस्ट टैक्स प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव
- 19.25 लाख नए करदाता 2016-17 के दौरान जोड़े गए।
- 15 जनवरी 2018 तक डायरेक्ट टैक् स में 18.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई ।
- 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में हुआ 12.6 प्रतिशत की वृद्धि
- राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान
- प्रत्येक पांच साल में होगा वेतन में संशोधन
- सांसदों के वेतन के लिए बनेगा नया कानून
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल का वेतन बढ़ाने की हुई घोष्ाणा
- सरकार ने बैंक पुन:पूंजीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की।
- ईटीएफ भारत-22 से सरकार ने 14500 करोड़ रुपए जुटाए
- 80 हजार करोड़ रुपए होगा 2018-19 के लिए सरकार का विनिवेश लक्ष्य: जेटली
- उद्योगों के लिए अलग से विशिष्ट पहचान संख्या लाने की योजना
- सरकार उद्योग अनुकूल रक्षा उत्पादन नीति 2018 पेश करेगी
- सभी टोल प्लाजा पर जल्द शुरू होगी ई-भुगतान की सुविधा
- 5जी टेक्नोलॉजी के लिए चेन्नई में खोला जाएगा स्वदेशी प्रयोगशाला
- सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर नहीं मानती : जेटली
- डिजिटल इंडिया के लिए 3073 करोड़ रुपए का किया गया प्रावधान
- कृत्रिम आसूचना क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय मिशन किया जाएगा शुरू
- पर्यटन क्षेत्र में रोपवे को बढ़ावा दिया और आगे भी ये जारी रहेगा
- राज्यों से विचार कर भारतीय स्टांप अधिनियम में किया जाएगा सुधार
- 600 प्रमुख स्टेशनों को पुन: विकसित करने पर काम हुआ शुरू।
- उड़ान योजना से क्षेत्रीय संपर्क को मिला बल
- हवाई चप्पल पहनने वाले नागरिक भी अब हवाई जहाज में सफर कर रहे हैं: जेटली
- मुंबई लोकल में 90 किलोमीटर दोहरी पटरियां जोड़ी जाएंगी
- बुलेट ट्रेन के लिए वडोदरा में प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी
- सभी रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ियों में वाई-फाई और सीसीटीवी की सुविधा।
- देश में अब सिर्फ बड़ी लाइन पर ट्रेन चलेगी।
- रेल मंत्रालय को 2019 के लिए दिए गए 1,48,528 करोड़ रुपए
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 100 आदर्श स्थल किए जाएंगे विकसित
- अनुसूचित जातियों के विकास के लिए 56,619 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए 39,135 करोड़ रुपये का आवंटन।
- प्रत्येक 3 लोकसभा क्षेत्रों में जिला स्तर के 24 कॉलेजों को अपग्रेड करके एक सरकारी मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित किया जाएगा: अरुण जेटली
- नौकरियो के लिए मोदी सरकार का बड़ा ऐलान। इस साल 70 लाख नई नौकरियां मिलेंगी।
- 99 स्मार्ट सिटी के लिए 2.04 लाख करोड़ रुपए का किया गया आवंटन
- रेल व सड़क क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा आवंटन
- टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 7148 करोड़ रुपए का किया गया प्रावधान
- सरकार नए कर्मचारियों को पहले तीन साल तक ईपीएफ में देगी 12 प्रतिशत का योगदान
- 2020 तक राष्ट्रीय प्रशिक्षु स्कीम के तहत 50 लाख युवाओं को मिलेगा वजीफा
- मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपए के लोन बांटने का रखा गया लक्ष्य
- एमएसएमई के लिए 3794 करोड़ रुपए किए गए आवंटित
- एससी वेलफेयर के लिए 56,619 करोड़ रुपए हुए आवंटित
- समावेशी समाज का सपना पूरा करने के लिए सरकार ने की 115 जिलों की पहचान।
- नमानि गंगे परियोजना के तहत 47 प्रोजेक्ट हुए पूरे, शेष प्रोजेक्ट पूरे होने के विभिन्न चरणों में हैं।
- सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 1.26 करोड़ खाते खोले गए
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से 5.22 करोड़ लोगों को मिला फायदा।
- प्रत्येक राज्य में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
- टीबी के मरीजों को उपचार के दौरान प्रति माह दिए जाएंगे 500 रुपए।
- 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले जाएंगे।
- 50 करोड़ लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा सरकार उपलब्ध कराएगी।
- 5 लाख रुपए प्रति परिवार प्रति वर्ष दिया जाएगा बीमा कवर
- राष्ट्रीय हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लॉन्च की गई, 10 करोड़ गरीब परिवार होंगे कवर
- वडोदरा में विशिष्ट रेलवे विश्वविद्यालय स्थापना के लिए उठाए गए विशेष कदम
- 2022 तक प्रत्येक ब्लॉक में होंगे नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूल, एसटी छात्रों को मिलेगी प्राथमिकता
- शिक्षा और स्वास्थ्य पर वित्त मंत्री अरुण जेटली किया बोलना शुरू।
- वित्र मंत्री अरुण जेटली ने 'ऑपरेशन ग्रीन' के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
- ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव
- 2022 तक देश के हर गरीब के पास अपना घर हो इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 1 करोड़ से अधिक मकान बनाए जा रहे हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत अगले दो वर्षों में 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने अब तक 6 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
- इस योजना पर सरकार 16 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
- प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ गरीब घरों को बिना शुल्क के बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है।
- उज्जवला योजना के तहत अब 8 करोड़ गरीब महिलाओं को देगी मुफ्त गैस कनेक्शन
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष सहयोग देने की घोषणा
- कृषि ऋण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए का किया गया प्रस्ताव
- मछली पालन और पशु पालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के नए फंड का किया गया प्रस्ताव
- 1290 करोड़ रुपए के साथ संशोधित बांस योजना की हुई घोषणा
- किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा अब मछली पालन और पशु पालन किसानों को भी मिलेगी : जेटली
- 42 मेगा फूड पार्क की स्थापना को दी गई मंजूरी
- गांवों में 22 हजार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील किया जाएगा।
- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को इस बार दिया जा रहा है दोगुना 14000 करोड़ रुपए का बजट: जेटली
- सभी फसलों को एमएसपी के दायरे में लाया जाएगा: जेटली
- ऑर्गेनिक फार्मिंग को सरकार देगी और बढ़ावा : जेटली
- 2 हजार करोड़ रुपए से स्थापित होगा कृषि बाजार और संरचना कोष : जेटली
- देश में कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर : जेटली
- नीति आयोग केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर एक पुख्ता व्यवस्था तैयार करेगा जिससे किसानों को उनकी फसल के उचित दाम दिलवाए जा सकें: अरुण जेटली
- न्यूनतम समर्थन मूल्य ही बढ़ाना पर्याप्त नहीं है, घोषित एमएसपी का फायदा किसानों को मिले: जेटली
- खरीफ की सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत का डेढ़ गुना करने का फैसला लिया गया है: जेटली
- रबि की अधिकांश फसलों के लिए समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है: जेटली
- सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध : जेटली
- 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का है लक्ष्य: जेटली
- कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोल रहे हैं वित्त मंत्री अरुण जेटली
- डीबीटी से भ्रष्टाचार पर लगी लगाम: जेटली
- जनसामान्य के लिए ईज ऑफ लिविंग पर है अब सरकार का जोर: जेटली
- सरकारी सेवाओं बस व ट्रेन टिकट सभी ऑनलाइन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है: जेटली
- 3000 से ज्यादा जनऔषधी केंद्रों पर 800 से अधिक दवाएं सस्ती दरों पर बेची जा रही हैं: जेटली
- हमारी सरकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से आगे बढ़कर अब ईज ऑफ लिविंग पर ध्यान दे रही हैं: जेटली
- सेवा क्षेत्र में 8 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्ध: जेटली
- हम जल्द ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे: जेटली
- हमारी सरकार के पहले तीन सालों में औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत पर पहुंची : जेटली
- जीएसटी लागू होने से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली हुई आसान: जेटली
- सरकार के उपायों से एफडीआई में हुआ इजाफा : अरुण जेटली
- 2014 से हमारे सत्ता में आने के बाद अर्थवव्यवस्था की हालत में काफी सुधार हुआ है: अरुण जेटली
- चार साल पहले ईमानदार, स्वच्छ और पारदर्शी सरकार का वादा किया था: वित्त मंत्री
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा के पटल पर रखा आम बजट 2018
क्या इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ेगी? क्या आम जरूरत की चीजें सस्ती होंगी? क्या किसानों को कर्ज माफी मिलेगी और सबसे बडा़ सवाल क्या पेट्रोल-डीजल की कीमत पर लगाम लगाने की घोषणा होगी? ये ऐसे सवाल हैं जिनका सामना टीम जेटली ने 2018 के बजट बनाते समय किया होगा। अब आज इन सवालों के जवाब पाने का वक्त है। सुबह ग्यारह बजे वित्त मंत्री संसद में अपना बजट पेश करेंगे लेकिन बजट में क्या होगा इसे लेकर खुद प्रधानमंत्री संकेत दे चुके हैं। पीएम ने कहा है कि इस बार का बजट सबकी उम्मीदों को पूरा करने वाला होगा।
बजट से 10 बड़ी उम्मीदें
1. देश में रोजगार के ज्यादा मौके के लिए रोजगार नीति लाई जाए
2. सस्ते इलाज और सस्ती दवाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
3. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाया जाए
4. आयकर पर मिलने वाली छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाई जाए
5. होम लोन पर टैक्स छूट को बढ़ाया जाए, स्टांप ड्यूटी में राहत मिले
6. रेल टिकट सस्ता हो, सुरक्षित सफर की गारंटी मिले
7. शिक्षा क्षेत्र की हालत सुधारने के लिए बजट आवंटन बढ़े
8. किसानों की आय बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा हो
9. बिजली सस्ती हो, ताकि बिजली पर होने वाला खर्च कम हो सके
10. GST टैक्स स्लैब को कम किया जाए,छोटे कारोबारियों को राहत मिले
पीएम के इस बयान से साफ है कि इस बार के बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश होगी लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद इस बार के बजट में कुछ बातें हैं जो नहीं होंगी। जीएसटी लागू होने के बाद अब इनडायरेक्ट टैक्स में कोई बदलाव बजट के जरिए नहीं होगा। यानी बजट के जरिए आम उपभोक्ताओं को कंज्यूमर आइटम्स पर कोई खास फायदा नहीं मिलेगा। अब ये काम वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल करती है जो नियमित रूप से बैठक कर एक मिनी बजट जैसा प्रावधान करती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद में जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 7 से 7.5 फीसदी के बीच रह सकती है जबकि इस वित्त वर्ष के दौरान ग्रोथ रेट 6.75 फीसदी ही रहने का अनुमान है। यानी सरकार के सामने बजट में सख्त फैसले लेने की मजबूरी भी होगी।
इनकम टैक्स का क्या होगा?
- इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.50 लाख से 3 लाख होने की उम्मीद
- पिछली बार 2.50 से 5 लाख पर टैक्स 10 से घटाकर 5% किया था
- पिछले साल 5 लाख तक की इनकम पर 12,500 रु. की छूट दी थी
- यशवंत सिन्हा कमेटी ने दिया था 5 लाख तक की छूट का प्रस्ताव
- रिटर्न फाइल करने वाले आधे भारतीय देते हैं जीरो इनकम टैक्स
- इनडायरेक्ट टैक्सपेयर्स की संख्या 50 फीसदी बढ़ी
- निजी रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 18 लाख तक बढ़ी
मजबूरी इसलिए क्योंकि नोटबंदी और जीएसटी के बाद इकोनॉमी में गिरावट देखी गई थी। सरकार 2018-19 के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ा सकती है, क्योंकि आम चुनाव से पहले लोक लुभावन योजनाओं पर खर्च बढ़ सकता है। यह आम बजट इसलिए भी अहम है क्योंकि इस साल 8 राज्यों में चुनाव है। कर्नाटक, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के अलावा इसी साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी चुनाव हैं। सरकार इन राज्यों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का एलान कर सकती है।
यानी अरुण जेटली के लिए शायद ये सबसे चुनौतीपुर्ण बजट साबित हो सकता है। जहां इस बजट में उन्हें राजकोषीय लक्ष्यों को साधने की चुनौती होगी तो वहीं कृषि क्षेत्र के संकट, रोजगार पैदा करने और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने की चुनौतियां भी होंगी।