नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि जो लोग धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, वो देश के शुभचिंतक नहीं हैं। उन्होंने देश के विकास के लिए लोगों से एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना रखने की अपील की। केजरीवाल ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा, "लोगों को धर्म के नाम पर एक दूसरे से लड़ने के लिए उकसाया जा रहा है। देश हमारी मां है और हम सभी चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों, इसकी संतान हैं। जिस घर में एक साथ रहने वाले लोग झगड़ेंगे, वह घर तरक्की नहीं करेगा।"
उन्होंने कहा कि जो लोग एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ भड़काते हैं, वो देश के शुभचिंतक नहीं हैं। आम आदमी पार्टी नेता ने लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों की याद दिलाई। उन्होंने कहा, "देश और इसके निवासियों को आजादी दिलाने के सपने को साकार करने के मकसद से काफी संख्या में लोगों ने अपनी शहादतें दीं। क्या हम कह सकते हैं कि हमने उनके सपनों को पूरा किया है?"
उन्होंने कहा कि भारत के बाद कई देश आजाद हुए मगर विकास के मामले में वे भारत से आगे हैं। उन्होंने कहा, "भारत की गिनती अब तक पिछड़े देशों में होती है। हमारे देश को विकासशील देश माना जाता है, विकसित नहीं।" लोगों की समस्याओं को जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भारी तादाद में लोग अशिक्षित हैं, गरीब हैं, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं।
अपनी सरकार की पिछले तीन साल की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने यह साबित कर दिखाया है कि चीजों में सुधार किया जा सकता है, बशर्ते 'हमारी नीयत' साफ हो। उन्होंने लोगों से शिक्षा के क्षेत्र में युद्धस्तर पर काम करने की अपील की ताकि कोई अशिक्षित न रहे।
उन्होंने कहा, "शिक्षा में सुधार के लिए अगर हम सिर्फ एक साल समर्पित कर दें तो हमें दुनिया में नंबर वन बनने से कोई रोक नहीं सकता। शिक्षा के बगैर कोई देश तरक्की नहीं कर सकता है।"