रजत शर्मा: जब आपने राइटिंग ऑफ द वॉल देख लिया था तो आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात क्यों नहीं की.. आपके तो अच्छे संबंध हैं, आप तो सीधे बात कर सकते हैं ?
शत्रुघ्न सिन्हा: मैंने कई बार कोशिश की, जब लंदन में हमारी मुलाकात हुई थी तब भी मैंने कहा कि कि हमने कोशिश की और अमित शाह जो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.. उनसे भी हमसे भूपेंद्र यादव के जरिए तीन बार बातचीत हुई थी.. भूपेंद्र यादव जो यहां के कई प्रभारी थे.. उनमें से एक थे.. लेकिन बहुत ही नेक और शरीफ आदमी हैं.. उनसे भी हमने बात की.. तीन बार कोशिश की.. तो नहीं हो सका.. तो उसके बाद हमें यहां किसी भी ग्रुप में शामिल नहीं किया गया.. राइटिंग ऑन द वॉल की बात कर रहा हूं यहां तक कि जिस ग्रुप में था.. उसमें से भी निकाल दिया गया.. आपको भी सुनकर ताज्जुब हुआ था कि जब बताया था कि बिहार के कोर कमेटी में भी नहीं हूं.. जिस कमेटी में कितने सारे लोग हैं.. जो दो बार कैबिनेट मिनिस्टर रह चुका हो.. जो दो बार रिकॉर्ड मार्जिन से जीता हों.. जो दो बार राज्यसभा का कार्यकाल पूरा कर चुका हूं.. वो कोर कमेटी में भी नहीं था.. मेरी सुनवाई नहीं हो रही..
रजत शर्मा: वो कौन है जिसने आपको बाहर रखा.. कौन है वो ?
शत्रुघ्न सिन्हा: अब तो चलो चुनाव खत्म हो गए.. अभी हम इस वक्त न जीत का जश्न मनाना चाह रहे हैं.. न हार का त्यौहार चाहे हार के बारे में ज्यादा बात करके अभी जख्मों को कुरेदने की आवश्यकता नहीं है.. अभी सब अपने परिवार के हैं.. सब अपनी पार्टी के हैं.. अभी जख्मों पर मरहम लगाने की घड़ी है.. मैं सिर्फ ये बता रहा हूं आपको कि पहले जब कहीं निमंत्रण नहीं होता था मुझको.. जानबूझकर पोस्टर-बैनर से जब मेरा नाम हटा दिया जाता था.. सबका रखा जाता था.. तबसे मैंने कई बार कोशिश की.. कि कुछ बातों से आगाह कर सकूं.. कुछ बातें बता सकूं.. लेकिन बात नहीं चल रही थी तो अन्तोगत्वा मैंने कोशिश की कैंपेन में आने की बिहार के कैंपेन में .. आप एक बात माने.. इस बात को मानेंगे कि जो आदमी रिकॉर्ड मॉर्जिन से जीतता हो... जो एक बार नहीं दो बार लगातार जीता हो रिकॉर्ड मॉर्जिन से.. और जिसका देश में वोट शेयर परसेंटेज वन ऑफ द हाइएस्ट हो.. अगर हाइएस्ट न हो तो 55 % से ज्यादा रहा हो.. उस आदमी को दरकिनार करने की कोशिश.. हमारे भी लाखों चाहने वाले समर्थक प्रशंसक होंगे.. बिहारी बाबू को चाहने वाले समर्थक प्रशंसक होंगे.. तो क्या उनको दुख नहीं हुआ होगा.. कि मेरी तमाम कोशिश के बावजूद.. मैंने कोशिश की यहां.. पर दो बार डेट दी.. 6, 7 और 8 अक्टूबर और 25, 26, 27.. स्वीकृति भी हो गई पार्टी की तरफ से लेकिन बाद में कोई लॉजिस्टिक के लिए.. कोई बुलाने के लिए.. कोई निमंत्रण नहीं.. कोई हेलिकॉप्टर नहीं.. कोई जिक्र नहीं..
लालू से गले मिलकर, नीतीश के घर जाकर क्या शत्रुघ्न सिन्हा कर रहे थे पार्टी को ब्लैकमेल, पढ़ें आगे: