गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर असम जारी व्यापक अशांति के कुछ दिनों बाद राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हैं, लेकिन लोकतंत्र के नाम पर की गई हिंसा का नहीं। सोनोवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं और मेरी सरकार लोकतंत्र के लिए आंदोलन कर रहे छात्र, कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों सहित सभी प्रदर्शनकारियों का सम्मान करती है, लेकिन लोकतंत्र के नाम पर की गई हिंसा का हम समर्थन नहीं करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम लोकतंत्र और अहिंसा पर भरोसा करते हैं और शांति को भंग करने वाले लोग राज्य के वास्तविक दुश्मन हैं।" वहीं सीएए को लेकर राज्यभर में फैलाए गए अफवाह पर सोनोवाल ने कहा कि अशांति फैलाने वाली गलत जानकारियों को फैलाना कहीं से भी उचित नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि असम हमेशा असमवासियों के साथ है और इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "असम का नागरिक होने के नाते, असम हमेशा असमवासियों का रहेगा। राज्य की भूमि, भाषा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी।"
उन्होंने आगे कहा, "एक असमी होने का अधिकार आप लोगों से कोई नहीं छीन सकता।" हिंसा के कारण राज्यभर में संपर्क सेवा के स्थगित होने के बाद सेवा पुन: बहाल होने के बाद मुख्यमंत्री का बयान आया है। राज्य में सामान्य जीवन पटरी पर लौटने लगा है, हालांकि शिक्षण संस्थानों को अभी भी बंद रखा गया है।