अहमदाबाद: कांग्रेस के बागी नेता शंकरसिंह वाघेला ने पिछले दो दिनों के अंदर पार्टी की गुजरात इकाई के छह विधायकों के पार्टी छोड़ने को लेकर खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि पूरे मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। 21 जुलाई को अपने 77वें जन्मदिन पर गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने वाले वाघेला ने कहा, "मैं कांग्रेस से मुक्त हो चुका हूं और पार्टी को भी अपने बंधन से मुक्त कर चुका हूं। बल्कि इन विधायकों ने उल्टे मुझे फोन कर मेरी सलाह मांगी, लेकिन मैंने उन्हें कभी भी इस्तीफा देने या किसी और पार्टी में जाने के लिए नहीं कहा।"
वाघेला ने कहा, "आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद मैं विधायक पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। जैसा कि मैं पहले कह चुका हूं, मेरा वोट अहमद भाई पटेल को ही जाएगा।"
एक स्थानीय गुजराती टेलीविजन चैनल से वाघेला ने कहा, "विधायकों ने फोन कर मेरी सलाह मांगी थी। मैंने उनसे कहा कि मेरा कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है और वे अपनी मर्जी से फैसला लें और इन सबमें मुझे शामिल न करें।"
वाघेला 1995 में तत्कालीन भाजपा सरकार में भी विद्रोह भड़काने में शामिल रहे हैं और तब उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से अलग होकर अपनी अलग पार्टी 'राष्ट्रीय जनता पार्टी' गठित की थी।
बाद में वाघेला अपनी पार्टी सहित कांग्रेस में शामिल हो गए। और अब कांग्रेस में हुए विद्रोह के पीछे भी वाघेला को ही माना जा रहा है।