नई दिल्ली: पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के मध्य बढ़ रहे तनाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को उम्मीद जताई कि भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व सूझबूझ से काम लेंगे तथा वे आर्थिक विकास की ओर लौटेंगे। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन में एक समारोह में कही। समारोह में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ‘प्रथम पी वी नरसिंह राव राष्ट्रीय नेतृत्व एवं आजीवन उपलब्धि पुरस्कार’ प्रदान किया।
सिहं ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि दोनों देशों का नेतृत्व सूझबूझ से काम लेगा तथा हम आर्थिक विकास में फिर लगेंगे जो भारत एवं पाकिस्तान की आधारभूत आवश्यकता है।’ इस पुरस्कार के लिए गैर सरकारी संगठन ‘इंडिया नेक्स्ट’ को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें वर्षों तक प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं इस सम्मान के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। यह मेरे लिए विशेष दिन है। यह ऐसा दिन है जब हमारा देश आपसी आत्मविनाश की पागल दौड़ के कारण एक अन्य संकट में उलझ गया है। यह दौड़ भारत एवं पाकिस्तान, दोनों देशों में चल रही है।’
सिंह ने कहा, ‘हमारी मूलभूत समस्या बढ़ती गरीबी, रोगों से छुटकारा पाना है। इनसे दोनों देशों के लाखों नागरिक अभी तक पीड़ित हैं।’ सिंह एवं मुखर्जी, दोनों ने यह उम्मीद जताई कि अभी तक राव का जिस तरह से आंकलन हुआ है, उसके मुकाबले इतिहास उनका बेहतर ढंग से आकलन करेगा। आपको बता दें कि बीती 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी द्वारा किए गए हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के आतंकी शिविर को नष्ट कर दिया था। (भाषा)