नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान को ‘बेबुनियाद’ और ‘तथ्यहीन’ बताया कि एक पूर्व एसपीजी प्रमुख को पद छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने आरएसएस द्वारा चुन गए अधिकारियों की सूची मानने से इनकार कर दिया था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मीडिया में आया राहुल गांधी का कथित बयान आधारहीन, तथ्यहीन और दुर्भाग्यपूर्ण है और एक ऐसे व्यक्ति ने यह बयान दिया है जिसे एसपीजी सुरक्षा प्राप्त है।’’ राहुल गांधी, उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बहन प्रियंका ऐसे लोगों में शामिल हैं जिन्हें विशेष सुरक्षा दल (SPG) की सुरक्षा प्राप्त है।
मंत्रालय ने कहा कि एसपजी एक पेशेवर संगठन है जिसपर प्रधानमंत्री, पूर्व पधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा का जिम्मा है और वह बिल्कुल पेशेवर अंदाज में ऐसा करता है। राहुल गांधी ने यहां शनिवार को शिक्षाविदों के साथ बातचीत में आरोप लगाया था कि शिक्षण संस्थान, उच्चतम न्यायालय, चुनाव आयोग और अन्य (सरकारी) संगठनों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा कब्जा किया किया जा रहा है।
एक उदाहरण पेश करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया था, ‘‘जब श्री मोदी सत्ता में आए तब गुजरात के एक व्यक्ति को एसपीजी की अगुवाई के लिए चुना गया। लेकिन कुछ ही समय में उसने यह पद छोड़ दिया। उसने मुझे बताया कि उसने आरएसएस द्वारा चुने गए एसपीजी अधिकारियों की सूची मानने से इनकार कर दिया था और यही वजह है कि उसे गृह राज्य भेज दिया गया।’’
गृहमंत्रालय ने कहा कि संबंधित अधिकारी पूर्व एसपीजी निदेशक (विवेक श्रीवास्तव) ने कहा है कि पेशेवेर ड्यूटी के तहत उन्होंने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों से बातचीत की। लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर इससे इनकार किया कि (राहुल) गांधी से बातचीत के दौरान नए निदेशक की नियुक्त के संबंध में या उनके एसपीजी छोड़ने के कारणों के बारे में कोई बातचीत हुई।