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गृह मंत्रालय ने इस राज्य की स्थिति को बताया खतरनाक, अगले 6 महीनों के लिए घोषित किया 'अशांत क्षेत्र'

मंत्रालय ने कहा है कि राज्य की सीमा के अंदर आने वाला क्षेत्र फिलहाल अशांत और खतरनाक स्थिति में है। इसी के चलते यहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का प्रयोग करना जरूरी है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 30, 2020 19:12 IST
Home ministry declares Nagaland as ‘disturbed area’ for a further period of 6 months under AFSPA- India TV Hindi
Image Source : PTI मंत्रालय ने कहा है कि राज्य की सीमा के अंदर आने वाला क्षेत्र फिलहाल अशांत और खतरनाक स्थिति में है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस संबंध में मंत्रालय ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में कहा गया है कि मंत्रालय ने सशस्त्र बल विशेधाधिकार कानून (AFSPA) के तहत राज्य को अगले 6 महीनों की अवधि के लिए 'अशांत क्षेत्र घोषित किया है'। मंत्रालय ने कहा है कि राज्य की सीमा के अंदर आने वाला क्षेत्र फिलहाल अशांत और खतरनाक स्थिति में है। इसी के चलते यहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का प्रयोग करना जरूरी है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्रीय सरकार का यह मत है कि संपूर्ण नगालैंड राज्य की सीमा के भीतर आने वाले क्षेत्र ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में हैं जिससे वहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का प्रयोग आवश्यक है। अत: अब सशस्त्र बल अधिनियम, 1958 की धारा द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्रीय सरकार उक्त अधिनियिम के प्रयोजन के लिए संपूर्ण नगालैंड राज्य को 30 दिसंबर 2020 से छह माह की अवधि तक अशांत क्षेत्र घोषित करती है।

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बता दें कि एनएससीएन (आईएम) की पृथक नगा झंडे और संविधान की मांग के कारण 2020 में नगा शांति वार्ता अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। पिछले वर्ष अक्टूबर में केंद्र की नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुईवाह) और सात संगठनों वाले नगा नेशनल पोलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) के साथ अलग-अलग वार्ता के समापन के बाद कई लोगों को उम्मीद थी कि इस मसले का हल निकल आएगा।

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एनएससीएन (आईएम) ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बदले पृथक नगा झंडे और संविधान की मांग दोहराई जबकि एनएनपीजी की कामकाजी समिति ने कहा कि वह ऐसी किसी भी शर्त के बिना समझौते के लिए तैयार है। यहां तक कि एनएससीएन(आईएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज समूह तथा केंद्र के बीच दो दशक से भी अधिक पहले की राजनीतिक वार्ता प्रधानमंत्री स्तर पर, बिना किसी पूर्व शर्त के किसी तीसरे देश में बहाल करने की भी मांग की। 

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नगा शांति वार्ता के लिए राज्यपाल एवं केंद्र के वार्ताकार आर. एन. रवि ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि सशस्त्र गैंग राज्य में अपनी खुद की सरकार चला रहे हैं, निर्वाचित प्राधिकारियों की वैधता को चुनौती दे रहे हैं तथा प्रणाली में विश्वास का संकट खड़ा कर रहे हैं।

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