नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। इस मौके पर आयोजित भूमि पूजन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। इस ऐतिहासिक मौके पर कोरोना वायरस के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर के माध्यम से अपनी बात कही। शाह ने आज के दिन को भारत के लिए एक ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण दिन बताया।
शुरू हुआ श्रीराम मंदिर निर्माण, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया भूमि पूजन
जानें, राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से क्या कहा
‘भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय’
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘आज का दिन भारत के लिए एक ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण दिन है। प्रभु श्री राम की जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया, जिसने महान भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है और एक नए युग की शुरुआत की है। अयोध्याजी में राम मंदिर निर्माण सदियों से दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का प्रतीक रहा है। आज पीएम नरेंद्र मोदी और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर का भूमिपूजन करके करोड़ों लोगों की आस्था को सम्मान देने का काम किया है, इसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’
‘धर्म और विकास के समन्वय से रोजगार के अवसर बनेंगे’
अमित शाह ने राम एवं राम मंदिर पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘प्रभु श्री राम जी के आदर्श एवं विचार भारतवर्ष की आत्मा में बसते हैं। उनका चरित्र एवं जीवन दर्शन भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। राम मंदिर निर्माण से यह पुण्यभूमि अयोध्याजी पुनः विश्व में अपने पूर्ण वैभव के साथ जग उठेगी। धर्म और विकास के समन्वय से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस भव्य प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व को दर्शाता है।’
रामभक्तों के त्याग, संघर्ष व बलिदान को शाह ने किया याद
राम मंदिर निर्माण की राह में लोगों के संघर्ष को याद करते हुए शाह ने कहा, ‘इस अविस्मरणीय दिन पर सभी भारतवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मोदी सरकार भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों की रक्षा व संरक्षण के लिए हमेशा कटिबद्ध रहेगी। प्रभु श्री राम मंदिर निर्माण असंख्य नाम-अनाम रामभक्तों के सदियों के निरंतर त्याग, संघर्ष, तपस्या और बलिदान का परिणाम है। आज के दिन मैं उन सभी तपस्वियों को नमन करता हूं जिन्होंने इतने वर्षों तक सनातन संस्कृति की इस अमूल्य धरोहर के लिए संघर्ष किया। जय श्री राम!’