नई दिल्ली: संसद ने विशेष सुरक्षा समूह (SPG) कानून में संशोधन करने संबंधी एक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी तथा सरकार ने स्पष्ट किया कि यह संशोधन राजनीतिक प्रतिशोध के चलते किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है बल्कि इससे प्रधानमंत्री सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। राज्यसभा ने विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
इससे पहले आज राज्यसभा में एसपीजी संशोधन बिल पर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गांधी परिवार को एसपीजी ही क्यों चाहिए। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी स्टेटस सिंबल नहीं सकती और गांधी परिवार को Z+ सिक्योरिटी दी गई है। शाह ने कहा कि यह बिल किसी एक परिवार के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ''सोनिया राहुल प्रियंका की सुरक्षा की हमें भी चिंता है। इन तीनों को जो सुरक्षा दी गई है वो सुरक्षाकर्मी एसपीजी से ट्रेनिंग लिए है। इस बिल से किसी को नुकसान है तो मोदीजी को ही हैं क्योंकि पद से हटने के बाद उनको भी पांच साल बाद एसपीजी सुरक्षा नहीं मिलेगी।''
शाह ने कहा कि इस बिल का किसी परिवार की सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है। गांधी परिवार को एंबुलेंस के साथ जेड प्लस सुरक्षा दी गई है लेकिन इसके पहले जो 4 बार संशोधन हुए थे वो जरूर एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे।
शाह ने कहा, ''पुराने कानून के आधार पर गांधी परिवार के खतरे को देखते हुए एसपीजी सुरक्षा हटाई गई उसका इस बिल से कुछ लेना-देना नहीं है। देश के डेढ़ लाख लोगों को खतरा है लेकिन किसी को एसपीजी की सुरक्षा नहीं दी गई है तो आखिर गांधी परिवार को ही क्यों।'' उन्होंने कहा, ''सुरक्षा हटाई नहीं गई बल्कि सुरक्षा बदली गई है। जितने जवान पहले थे उतने ही जवान अभी भी हैं। यह वही सुरक्षा है जो रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, उपराष्ट्रपति, और राष्ट्रपति के पास है लेकिन सिर्फ एसपीजी सुरक्षा की ही बार-बार बात क्यों।''
उन्होंने कहा, ''हम परिवार नहीं, परिवारवाद के खिलाफ है। लेफ्ट के सांसद क्या राजनीतिक द्वेष की बात करेंगे आपके केरल में तो बीजेपी के 120 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। राजनीतिक द्वेष कम्युनिस्ट पार्टी ने चलाया जिसके चलते 120 बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता को मार दिया गया है एक भी जांच इस पर नहीं हुई है, कम्युनिस्ट पार्टी राजनीतिक द्वेष की क्या बात करेगी। लेफ्ट के कार्यकर्ताओं की हत्या की बात आप कर रहे हैं पर वो कांग्रेस सरकार में हुआ, हमारी सरकार के दौरान नहीं।''