Highlights
- बादल ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को शहीद बताया।
- बादल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी शर्मनाक और पूरी तरह से टाली जा सकती थी।
- बादल ने कहा कि सरकार के चेहरे पर हमेशा एक काला धब्बा बनी रहेंगी।
नयी दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की केन्द्र की घोषणा का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार फिर कभी इतने क्रूर और असंवेदनशील कानून ना बनाए। बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं सभी को बधाई देता हूं क्योंकि आज गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश उत्सव है। मैं किसानों और खासकर पंजाब हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के किसानों को भी लख लख बधाई देता हूं कि उनकी कुर्बानी की वजह से बड़े बड़े संघर्ष के बाद उनको एक सरकार को झुकाने का मौका मिला। और जो काले कानून केंद्र सरकार ने बनाए थे उनको उन्हें वापस लेना पड़ा।"
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि जिन लोगों के लिए कानून लेकर आए हैं, वो लोग नहीं चाहते हैं कि वह कानून बने लेकिन जबरदस्ती उनके खिलाफ, इन कानूनों को बनाया गया और आखिर सरकार को अपनी गलती का ऐहसास हुआ और कानून वापस लेने पड़े। मैं किसानों को लख लख बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के बाद, बादल ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को शहीद बताते हुए बादल ने कहा, ‘‘इन बहादुर योद्धाओं की मृत्यु तथा लखीमपुर खीरी जैसी शर्मनाक और पूरी तरह से टाली जा सकने वाली घटनाएं इस सरकार के चेहरे पर हमेशा एक काला धब्बा बनी रहेंगी।’’ बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।