बेंगलुरु: जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत का समर्थन किया है। कुमारस्वामी ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में टिकैत के खिलाफ राज्य में दर्ज मामलों को किसानों की ‘आवाज दबाने की कोशिश’ करार दिया। उन्होंने गुरुवार को राज्य की येदियुरप्पा सरकार से टिकैत के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की। बता दें कि कर्नाटक के शिमोगा और हावेरी में टिकैत के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
‘बीजेपी के कितने नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए मामले?’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के खिलाफ शिमोगा और हावेरी में मामले दर्ज किए हैं। यह कुछ नहीं बल्कि किसानों की आवाज दबाने की कोशिश है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर जानना चाहा कि अगर वास्तव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं तो अब तक भारतीय जनता पार्टी के कितने नेताओं के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं।
‘टिकैत के भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं है’
बता दें कि कि केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे टिकैत ने 20 मार्च को दक्षिण भारत में आयोजित पहली रैयत महापंचायत को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के किसानों से विरोध तेज करने और कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर से बेंगलुरु का रास्ता रोकने का आह्वान किया था। कुमास्वामी ने कहा कि टिकैत के भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं है और अगर कोई मानता है कि यह भड़काऊ है तो यह उसकी ‘गलत समझ’ है।
‘टिकैत ने हमला करने या हत्या करने के लिए नहीं कहा’
अपने ट्वीट में कुमारस्वामी ने कहा,‘संविधान में मिले अधिकार के तहत संघर्ष करने एवं संघर्ष का आह्वान करने का अधिकार है। टिकैत ने हमला करने या हत्या करने का आह्वान नहीं किया। उनके खिलाफ दर्ज मामलों को यथाशीघ्र वापस लेना चाहिए।’