इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से ‘गहरी नींद से जागने’ और ऐसे कदम उठाने को कहा है, जिससे पुलिस बल को ज्यादा सक्रिय बनाया जा सके।
6 जुलाई को पारित एक आदेश में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति शशिकांत ने मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) और सचिव (नियुक्ति) को निर्देश दिया कि वे उचित कदम उठाएं और योजनाओं को अंतिम रूप दें ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस को वास्तव में कानून-व्यवस्था का पालन कराने वाली एक मशीनरी बनाई जा सके और जो लोगों के लिए काम करती दिखे और उसमें लोगों का भरोसा बहाल हो सके।
अदालत ने कहा कि असल समस्या जांच के लिए जिम्मेदार अधिकारियों में है। ऐसा लगता है कि उन्हें बुनियादी जानकारी और तकनीक ही नहीं पता। हर चीज बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में किया जाता है।
सहारनपुर जिले की रहने वाली शाहिदा नाम की एक महिला की ओर से दाखिल अर्जी का निपटारा करते हुए अदालत ने ये टिप्पणियां की। शाहिदा ने अपनी अर्जी में अपनी बेटी के अपहरण और बलात्कार के मामले में पुलिस द्वारा ढीलापन बरतने का आरोप लगाया था।